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भगवान जगन्नाथ के रथ में लगाए सुखोई के टायर, पहले इस विशाल विमान के लगे थे पहिए

कोलकाता की प्रसिद्ध इस्कॉन रथ यात्रा में इस बार एक अनोखा बदलाव किया गया है। 48 वर्षों तक बोइंग 747 के टायरों से चलने वाले भगवान जगन्नाथ के रथ में अब सुखोई फाइटर जेट के टायर लगाए गए हैं। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधा रमन दास ने टायर को बदले जाने के पीछे की कहानी बताई है।

कोलकाता में इस्कॉन द्वारा भगवान जगन्नाथ के रथ में लगे सुखोई के टायर (फोटो सोर्स- ANI)
Kolkata Iskcon Chariot Sukhoi Tyre : पश्चिम बंगाल के कोलकाता में इस्कॉन द्वारा भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। खास बात यह है कि इस रथ में पहले पुराने बोइंग 747 के टायरों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब इसमें फाइटर जेट 'सुखोई' के टायर लगाए गए हैं। बताया गया है कि पिछले 48 वर्षों से इस रथ को विशाल विमान बोइंग 747 के टायर चला रहे थे।

रथ में क्यों लगे सुखोई के टायर?

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधा रमन दास ने बताया कि कोलकाता के भगवान जगन्नाथ रथ में पिछले 48 वर्षों से बोइंग 747 के टायर लगे हुए थे। 1977 में एक भक्त द्वारा इस विशाल रथ का निर्माण करवाया गया था। उस समय पुराने बोइंग 747 के टायरों को खरीदकर इसमें लगाया गया था। लेकिन 2005 में हमने देखा कि टायर अब अच्छी स्थिति में नहीं हैं, इसलिए हमने उन्हें बदलने का निर्णय लिया। राधा रमन दास ने आगे बताया कि हमें बोइंग 747 के टायर नहीं मिल सके। इसके बाद हमने दूसरे विकल्प की तलाश शुरू की। 2018 में हमें जानकारी मिली कि सुखोई फाइटर जेट के टायर बोइंग 747 के टायरों के समान होते हैं, इसलिए हमने MRF कंपनी से संपर्क किया। इस वर्ष हमें MRF की ओर से प्रतिक्रिया मिली। वे यह जानकर हैरान थे कि हमें सुखोई के टायर क्यों चाहिए। उन्होंने हमारे दावे की जांच के लिए अपने सीनियर जनरल मैनेजर को भेजा।

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जब MRF के वरिष्ठ अधिकारी आश्वस्त हो गए कि ये टायर भगवान जगन्नाथ के रथ में लगाए जाने हैं, तो उन्होंने सुखोई के टायर देने पर सहमति जताई। राधा रमन दास ने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए तनाव के दौरान जिन सुखोई विमानों का इस्तेमाल किया गया था, अब उन्हीं के टायर इस रथ में लगाए गए हैं। कल रात हमने रथ का ट्रायल भी किया। अब हम यह कह सकते हैं कि कोलकाता की सड़कों पर कल रात सुखोई के टायर दौड़े हैं। लगभग 24 किलोमीटर तक यह यात्रा निकाली गई थी।


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