उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण(SIR) प्रकिया के तहत जिन वोटर्स का नाम लिस्ट में नहीं आ पाया है, उनके लिए बड़ी खुशखबरी है. चुनाव आयोग ने अब उन्हें एक आखिरी मौका दिया है यानी अब वो लिस्ट में अपना नाम वापस ला सकते हैं. 31 दिसंबर को नई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी और उसके साथ ही दावा और आपत्ति की प्रक्रिया की भी शुरुआत होगी. यूपी में 2003 की आधार लिस्ट से डिजिटल मैपिंग की गई, लेकिन लाखों वोटर इसका हिस्सा नहीं बन पाए. सिर्फ वाराणसी में ही 1.71 लाख से ज्यादा मतदाताओं का नाम मैपिंग में शामिल नहीं हो पाया, वहीं 5.72 लाख लोगों का नाम लिस्ट से हटाया जा रहा है. लखनऊ में 12 लाख लोगों का नाम लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा.
कैसे करें अप्लाई?
जो लोग मैपिंग का हिस्सा नहीं बन पाए या जिनका नाम वोटर ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है , उनके लिए अपनी पहचान साबित करना जरूरी होगा. वो आधार कार्ड, पैन कार्ड , पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस में से किसी के एक जरिए अपनी पहचान साबित कर सकते हैं. इसके लिए Voter Helpline APP के जरिए ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है या अपने एरिया के बूथ लाइन ऑफिसर (BLO) के जरिए भी आवेदन दिया जा सकता है.
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30 जनवरी तक भर सकते हैं आवेदन
वाराणसी में नोटिस भेजने के लिए निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के अलावा 156 सहायक अधिकारियों को तैनात किया गया है. निर्वाचन ऑफिस के मुताबिक शुक्रवार रात तक 25 लाख 80 हजार 771 मतदाताओं को डिजिटल किया गया है, जबकि 1 लाख 71 हजार 403 वोटर्स की मैपिंग नहीं हो पाई है. 31 दिसंबर को मैपिंग की जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी. वोटर 1 से 30 जनवरी तक इसे देखकर दावा या आपत्ति दर्ज कर सकते हैं. निर्वाचन आयोग 20 फरवरी तक सभी आपत्तियों पर एक्शन लेगा.
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