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यमुना सिटी में अटके उद्योगों को राहत कब ? सड़क, बिजली और पानी की किल्लत से उद्यमी परेशान

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी के सेक्टर-32 और 33 में अधूरे विकास कार्यों ने उद्योगों की रफ्तार थाम दी है. जिन उद्यमियों ने वर्षों पहले प्लॉट लिए थे, वे अब तक अपनी यूनिट शुरू नहीं कर पाए हैं.

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के यमुना सिटी के सेक्टर-32 और 33 में अधूरे विकास कार्यों ने उद्योगों की रफ्तार थाम दी है. जिन उद्यमियों ने वर्षों पहले प्लॉट लिए थे, वे अब तक अपनी यूनिट शुरू नहीं कर पाए हैं. हालात यह हैं कि जहां फैक्ट्री लगाने की जमीन मिल चुकी है, वहां तक सड़क, बिजली और पानी की मूलभूत सुविधाएं ही नहीं पहुंची हैं.

संगठन ने उठाई आवाज

यमुना एक्सप्रेसवे एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन ने इस गंभीर स्थिति को लेकर डीएम मेधा रूपम से हस्तक्षेप की मांग की है. एसोसिएशन के सचिव इमरान गनी ने पत्र भेजकर कहा कि बिना बुनियादी ढांचे के उद्योग स्थापित करना असंभव हो गया है.

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2013 की योजना, अब भी अधूरी

पत्र के मुताबिक, 2013 में लांच हुई औद्योगिक योजना के तहत लगभग 800 भूखंड उद्यमियों को आवंटित किए गए थे. इनमें से अब भी 115 प्लॉट्स की चेकलिस्ट जारी नहीं हुई है. कई उद्यमियों को कब्जा तो मिल गया, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं बनी. नतीजा यह है कि फैक्ट्री का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा.

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निर्माण न शुरू करने पर चेतावनी

एसोसिएशन ने बताया कि दूसरी ओर यमुना प्राधिकरण (YEIDA) ने उद्यमियों को यूनिट सक्रिय करने के लिए नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं. निर्माण में देरी पर आवंटन निरस्त करने की चेतावनी दी जा रही है. उद्यमियों का कहना है कि वे निर्माण शुरू करने को तैयार हैं, लेकिन पहले सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्था की जाए.

सुरक्षा भी बनी बड़ी चुनौती

एसोसिएशन ने यह भी कहा कि सेक्टर-33 की मुख्य प्रवेश सड़क जो पावर सब-स्टेशन से 75 मीटर रोड तक जाती है अब तक नहीं बनी है. वहीं, इलाके में सुरक्षा इंतजामों की कमी के कारण फैक्ट्री निर्माण में भी जोखिम बना हुआ है.

प्राधिकरण का जवाब

इस बीच यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि जिन इलाकों में आधारभूत सुविधाएं पूरी हो चुकी हैं, वहां उद्योगपतियों को काम शुरू करना चाहिए. जबकि बाकी भूखंडों तक इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित किया जा रहा है.

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