Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में WTC बिल्डर परियोजना में फंसे खरीदारों ने रविवार को सेक्टर टेकजोन स्थित निर्माणाधीन साइट पर पहुंचकर प्रदर्शन किया। खरीदारों का आरोप है कि बिल्डर परियोजना में लगातार देरी कर रहा है। मामले की शिकायत यूपी रेरा में भी की गई है। बिल्डर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई चल रही है। खरीदारों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी समस्या का हल नहीं हुआ तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।
रेरा में अब 300 शिकायतें दर्ज
बताया जा रहा है कि डब्ल्यूटीसी बिल्डर की नोएडा व ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में कई परियोजनाएं हैं। इन परियोजनाओं में फ्लैट व दुकान बुक करा चुके खरीदारों का कहना है कि वर्षों बाद भी बिल्डर ने कब्जा नहीं दिया है। इस बीच बिल्डर के खिलाफ ईडी द्वारा कार्रवाई किए जाने से खरीदारों की चिंता और अधिक बढ़ गई है। खरीदार विपुल गुप्ता ने बताया कि बिल्डर की विभिन्न परियोजनाओं से करीब 20 हजार खरीदार प्रभावित हैं। रेरा में तीन सौ से अधिक शिकायतें हैं। डब्ल्यूटीसी बिल्डर की सेक्टर टेकजोन ग्रेटर नोएडा में टेक- 1 और 2, 1डी,1ई, सिग्नेचर, टेकजोन टॉवर- 1 एबीसी, प्लाजा,क्यूबिड, टेकजोन- 4 और रीवर साइड रेसीडेंसी यमुना एक्सप्रेस एवं डब्ल्यूटीसी सीबीडी सेक्टर -132 में निर्माणाधीन हैं।
5 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
लोगों का आरोप है कि बिल्डर कंपनी द्वारा 20 हजार खरीदारों से लगभग 5 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। अदालतों में कई कानूनी मामले हैं जैसे कि रेरा लगभग 350, उपभोक्ता अदालतें, उच्च न्यायालय और एनसीएलटी अदालत में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा गंभीर धोखाधड़ी जांच विभाग में सबसे बड़ा, लेकिन 27 तारीख के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ। आरोप है कि अब इस परियोजना में भूटानी ग्रुप ने शेयर खरीदकर एक और बड़ी धोखाधड़ी अंजाम देने की भूमिका तैयार की थी। पीड़ित खरीदार इधर-उधर भटक रहे हैं।
बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई मांग
पीड़ित खरीदारों की मांग है कि आरोपी बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ उन्हें उनका हक दिलाया जाए। हालांकि भूटानी ग्रुप के द्धारा पहले ही कहा जा चुका है कि उनका डब्लूटीसी ग्रुप से किसी तरह का कोई करार नहीं है और उनकी कंपनी इनके किसी कृत्य के लिए जिम्मेदार नहीं है। डब्लूटीसी के प्रोजेक्ट का कोई निवेश उनके पास नहीं आया है और ना ही उन्होंने किसी से कोई पैसा लिया है।