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छत से महिलाएं भी कर रहीं पथराव, जमीन पर हुई आगजनी, संभल में जामा मस्जिद सर्वे पर बवाल, 3 की मौत

Sambhal Jama Masjid Survey Violence : यूपी के संभल में जामा मस्जिद सर्वे को लेकर पत्थरबाजी और आगजनी हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोला।

Sambhal Jama Masjid Survey Violence : उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल हो गया। लोगों ने जमकर उत्पाद मचाया और पत्थरबाजी की। साथ ही कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना में तीन लोगों की जान चली गई। इसे लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। अदालत के आदेश पर एएसआई की टीम सर्वे के लिए संभल के जामा मस्जिद पहुंची। टीम को देखकर लोग आक्रोशित हो गए और पथराव कर दिया। इस दौरान महिलाओं ने घर की छत से पत्थरबाजी की तो तो उपद्रवियों ने जमीन पर आगजनी की। इस पर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस हंगामे में एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और 3 लोगों की मौत हो गई। यह भी पढे़ं : यूपी में ‘तौलिया’ पर सियासी घमासान, बना पावर सिंबल, जानें नेताओं की मांग पर क्या हुआ एक्शन परिवार का दावा- काम से निकला था नईम एक परिवार ने दावा किया कि इस बवाल में नईम की मौत हो गई। छोटे भाई तस्लीम ने कहा कि उसका बड़ा भाई नईम प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि काम से निकला था। थोड़ी देर के बाद सूचना मिली कि वो घायल है। परिजनों ने बताया कि लोगों से पता कि नईम को गोली लगी है, लेकिन पुलिस ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। पत्थरबाजी पर क्या बोले SP? संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार ने पथराव की घटना का जायजा लिया और आश्वासन दिया कि कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है और इलाके में शांति बहाल हो गई है। अधिकारी ने कहा कि अराजकता के बावजूद मस्जिद का सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान के बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढे़ं : रेलवे ट्रैक पर रखे लोहे के टुकड़े, यूपी में ट्रेन को पलटाने की साजिश अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना इस मामले को लेकर अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर चुनावी धोखाधड़ी पर किसी भी चर्चा को रोकने के लिए इस घटना की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एएसआई सर्वेक्षण टीम को माहौल बिगाड़ने के लिए भेजा गया था, ताकि कोई भी उत्तर प्रदेश उपचुनाव के नतीजों पर चर्चा न कर सके। अगर सर्वे पहले ही हो चुका था तो सरकार ने दूसरा सर्वेक्षण क्यों किया? वह भी सुबह-सुबह और बिना तैयारी के?


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