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उत्तरकाशी हेलिकॉप्टर क्रैश की बड़ी वजह आई सामने, AAIB की रिपोर्ट में हुआ चौंका देने वाला खुलासा

8 मई को उत्तरकाशी में हेलिकॉप्टर क्रैश की AAIB रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में हेलिकॉप्टर क्रैश का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हेलिकॉप्टर ने गंगोत्री धाम के लिए उड़ान भरी थी। इसी दौरान अचानक से हेलिकॉप्टर ने नीचे आने लगा।

उत्तराकाशी हेलिकॉप्टर क्रैश की वजह आई सामने
उत्तराखंड के उत्तरकाशी हेलिकॉप्टर क्रैश मामले में Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट घटना की कई वजह बताई गई है। सबसे बड़ी वजह एक मोबाइल कंपनी के नेटवर्क के केबल को बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 8 मई को उत्तरकाशी के गंगनानी के पास हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस दुर्घटना में पायलट समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था। रिपोर्ट में आया है कि इंमरजेंसी लैंडिंग के दौरान यह घटना घटी थी।

वायर से उलझकर 250 मीटर खाई में गिरा हेलिकॉप्टर

AAIB की रिपोर्ट में में बताया गया है कि उड़ान भरने के 20 मिनट बाद हेलिकॉप्टर ऊंचाई से नीचे उतरने लगा। पायलट ने पहले सड़क पर लैंडिंग कराने की कोशिश की, लेकिन यह कोशिश कामयाब नहीं हो पाई। दरअसल, लैंडिंग के दौरान हेलिकॉप्टर का रोटर ब्लेड ओवरहेड क मोबाइल कंपनी के नेटवर्क वाले वायर केबल से उलझ गया। इसके बाद हेलिकॉप्टर 250 मीटर खाई में गिरकर क्रैश हो गया। घटना के समय हेलिकॉप्टर गंगोत्री धाम जा रहा था। ये भी पढ़ें: गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से दो दिन बाद उड़ान भरेंगी इंडिगो की फ्लाइट, जानिए किन 8 शहरों की मिलेगी फ्लाइट

10 हजार 500 फीट की ऊंचाई से 250 मीटर की खाई में गिरा

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि हेलिकॉप्टर से चार धाम की यात्रा कराई जा रही थी। एक पायलट हेलिकॉटर को उड़ा रहा था। इस उड़ान की ऊंचाई करीब 10 हजार 500 फीट थी। हेलिकॉप्टर ने खरसानी हेलीपैड से 8 मई की सुबह 8:11 बजे उड़ान भरी थी। तभी हेलिकॉप्टर अचानक से ऊंचाई से नीचे आने लगा। इस पर पायलट ने गंगनानी के पास नेशनल हाइवे 34 उत्तरकाशी-गंगोत्री रोड पर इमरजेंसी लैंडिग का प्रयास किया। तभी वह जियो के नेटवर्क केबल में उलझकर 250 मीटर की खाई में जा गिरा।

हेलिकॉप्टर में नहीं लगी थी आग

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस घटना में हेलिकॉप्टर पूरी तरह खत्म हो गया था, लेकिन उसमें आग नहीं लगी थी। रिपोर्ट में आग लगने की वजह नहीं बताई गई। अंदेशा लगाया जा रहा है कि गिरते समय हेलिकॉप्टर का ईंधन बाहर निकल गया होगा। इसी वजह से हेलिकॉप्टर में आग नहीं लगी होगी। ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा, 150 मीटर गहरी खाई में गिरी जीप, 8 की मौत

17 साल पुराना था हेलिकॉप्टर, 2 दिन पहले हुआ रिपेयर

रिपोर्ट में बताया गया है कि बेल 407 हेलिकॉप्टर का निर्माण 2008 में किया गया था। 25 अप्रैल 2025 को इसकी अंतिम जांच की गई थी। 3 मई 2025 को हेलिकॉप्टर के रोटर ब्लेड ओवरहेड में कुछ खराबी बताई गई थी, जिसे 7 मई तक ठीक कर दिया गया था।

NTSB और TSB की करेंगे मलबे की जांच

हेलिकॉप्टर के मलबे की जांच अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) और कनाडा के परिवहन सुरक्षा बोर्ड (TSB) करेंगे। रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच करने वाली टीम घटनास्थल पर भी गई थी। हेलिकॉप्टर के इंजन के पुर्जों को AAIB सेंटर भेजा गया है। इसकी जांच के लिए इंटरनेशनल तकनीकी सलाहकारों की भी सहायता ली जा रही है।  


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