उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से हालात बिगड़ गए हैं। दो मजदूरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि सात लापता हैं। इन्हें खोजने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, शनिवार की आधी रात को बादल फटने से बड़ी घटना हुई और निर्माण स्थल को नुकसान पहुंचा।
घटना चारधाम यात्रा के प्रमुख मार्गों में से एक यमुनोत्री राजमार्ग पर सिलाई बैंड के पास हुई, जहां एक निर्माणाधीन होटल भारी बारिश के कारण ढह गया। बताया जा रहा है कि पास ही एक टेंट में करीब 19 मजदूर सो रहे थे, तभी बादल फटा और उसमें से 9 मजदूर बह गए, जबकि दस को बचा लिया गया था।
क्या बोले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी?
इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें दो मजदूरों के शव बरामद किए गए हैं। लापता मजदूरों में से पांच नेपाल के थे, जबकि तीन देहरादून और एक उत्तर प्रदेश का था। घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अधिकारी बचाव अभियान चला रहे हैं। माना जा रहा है कि लापता मजदूर या तो मलबे में फंसे हो सकते हैं या भारी बारिश में बह गए होंगे।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि बचाव कार्य अभी भी जारी है, जिसमें पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें घटनास्थल पर तैनात की गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण चारधाम यात्रा एक दिन के लिए रोक दी गई। तीर्थयात्रियों को हरिद्वार, ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग, स्नेप्रयाग और विकासनगर में रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग की तरफ से 29 और 30 तारीख को उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। कई जिलों में भारी बारिश की संभावना अभी भी है। जिन जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है और रेड अलर्ट जारी किया गया है, उनमें उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर और हरिद्वार शामिल हैं। अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश की वजह से भूस्खलन, नदी में तेज बहाव और जलभराव की स्थिति देखने को मिल सकती है, ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।