Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Timeline: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही सिल्क्यारा में ब्रह्माखाल-यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर चार धाम की कनेक्टिविटी के लिए टनल बन रही है। लगभग 853.79 करोड़ रुपये की लागत से यह टनल बननी थी, जिसकी कुल लंबाई 4.5 किलोमीटर होती। इस टनल के पूरा होने से यमुनोत्री की कनेक्टिविटी मिलती। धरासू से यमुनोत्री की दूरी 26 किलोमीटर कम होती। धरासू से यमुनोत्री आने-जाने में एक घंटे का समय बचेगा। प्रोजेक्ट 2018 में पास हुआ था और 2022 तक इस सुरंग को बनाने की डेडलाइन थी, लेकिन कोरोना काल के कारण सुरंग नहीं बन पाई और अब जब इसे बनाने का काम शुरू किया गया तो हादसा हो गया। पिछले 15 दिन से सुरंग के अंदर 41 जानें फंसी हुई हैं, जिन्हें बचाने की जद्दोजहद जारी है।
'सिल्क्यारा टनल' में 15 दिन क्या-क्या हुआ?
12 नवंबर- टनल का लगभग 60 मीटर का हिस्सा ढहा
13 नवंबर- खाली जगह पर 14 मीटर का मलबा फिर गिरा
14 नवंबर- ऑगर मशीन लाई गई, ड्रिलिंग शुरू हुई
15 नवंबर- अमेरिकी ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई
16 नवंबर- 8-9 मीटर तक ड्रिलिंग हुई
17 नवंबर- चट्टान आने से 21-22 मीटर पर ड्रिलिंग रुकी
18 नवंबर- होरिजेंटल ड्रिलिंग के साथ 5 प्लान पर एक साथ काम शुरू हुआ
19 नवंबर- NDRF, SDRF, BRO ने भी ऑपरेशन का मोर्चा संभाला
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20 नवंबर- विदेश से टनलिंग एक्सपर्ट बुलाए गये, वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू
21 नवंबर- बचावकर्मियों ने फंसे मजदूरों का पहला वीडियो जारी हुआ
22 नवंबर- बरमा मशीन के रास्ते में लोहा आने से ड्रिलिंग में बाधा आई
23 नवंबर- ड्रिलिंग प्लेटफॉर्म में दरारें आने से बोरिंग को रोकना पड़ गया
24 नवंबर- रेस्क्यू टीम मजदूरों के काफी करीब पहुंची, 9-12 मीटर की दूरी बताई गई
25 नवंबर- US ऑगर मशीन का ब्लेड टूटने से ऑपरेशन में बड़ी दिक्कत सामने आई
26 नवंबर- होरिजेंटिल ड्रिलिंग के साथ-साथ वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू की गई