Joshimath Sinking Update: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (joshimath) में संकट के बीच चमोली जिला प्रशासन ने मंगलवार को जेपी कॉलोनी स्थित क्षतिग्रस्त इमारतों का तकनीकी सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। जोशीमठ के सबसे अधिक प्रभावित मारवाड़ी क्षेत्र की इस कॉलोनी के अधिकांश घर टिन की चादरों वाले एक मंजिला हैं। इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM mamta banerjee) ने भी रानीगंज (Ranigunj) का मुद्दा (Coal India) उठा दिया है।
और पढ़िए –Joshimath Sinking: जमीन धंसाव पर NTPC का बड़ा बयान, कहा- ये जोशीमठ की पुरानी समस्या
हम जल्द ही एक फाइनल रिपोर्ट पेश करेंगेः आपदा सचिव
आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. आरके सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ के 4 वार्ड पूरी तरह असुरक्षित घोषित किए गए हैं। इसके बाद शेष वार्ड आंशिक रूप से प्रभावित हैं। कई संस्थाएं यहां अपनी जांच कर रही हैं। हम जल्द ही फाइनल रिपोर्ट लेकर सामने आएंगे। सचिव ने बताया कि यहां बारिश के लिए भी हमने तैयारियां पूरी कर ली हैं।
और पढ़िए –Uttar Pradesh: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर कार की टक्कर से तेंदुए की मौत
जेपी कॉलोनी में धरती से निकलने वाला पानी कम हुआ
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आपदा सचिव ने बताया कि जेपी कॉलोनी का जल निकासी स्तर (जो जोशीमठ में स्थिति को प्रभावित करने वाला कहा जाता है) नीचे चला गया है। यह एक अच्छी खबर है। इसके अलावा प्रभावित परिवारों को आश्रय घरों में शिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर मॉडल हट तैयार हो जाएंगे।
सीएम ममता बनर्जी बोलीं, हम भी झेल रहे ऐसी आपदा
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि जोशीमठ में हालात काफी भयानक है। बंगाल की सीएम ने कहा कि हम भी रानीगंज में ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहे हैं। फंड के लिए केंद्र से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया की ओर से रानीगंज में काम किया जा रहा है, जिसके कारण 30 हजार लोग प्रभावित हैं।
और पढ़िए –देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें