Joshimath Land Subsidence: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। घरों में आई दरारें बढ़ती ही जा रही हैं। जोशीमठ में शंकराचार्य मठ में भी पिछले 15 दिनों में कई जगहों पर दरारें आ गई हैं, जो अब तेजी से बढ़ रही हैं।
लोगों में दहशत का माहौल है। मठ के प्रमुख स्वामी विश्वप्रियानंद ने आपदा के कारण विकास कार्यों को बताया है। मठ प्रमुख ने बताया कि 15 दिन पहले तक यहां कोई दरार नहीं थी, लेकिन अब मठ में दरारें लगातार बढ़ रही हैं।
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जल्द से जल्द खाली कराया जा रहा है क्षेत्रः सीएम
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने केंद्र और राज्य से एक टीम के रूप में काम करने और जोशीमठ को बचाने की अपील की है। 68 घर जो खतरे में थे, उन लोगों को स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने कहा कि 600 से ज्यादा घरों का एक बड़ा क्षेत्र है। उन्हें भी जल्द से जल्द दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। पीएम मोदी भी इसकी निगरानी कर रहे हैं। हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट से किया जा रहे संपर्कः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि हमने सुप्रीम कोर्ट से भी संपर्क किया है। हमारी कानूनी टीम वहां है। मामले को सीजेआई के सामने पेश किया जाएगा और तत्काल सुनवाई के लिए अनुरोध किया जाएगा। साथ ही हमने सुप्रीम कोर्ट से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है, ताकि स्थानीय लोगों की मदद की जा सके।
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जोशीमठ को बचाने के लिए शुरू होने वाला है यज्ञ अनुष्ठान
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि 22 से 31 जनवरी तक हम नरसिंह मंदिर में एक विशेष यज्ञ आयोजित करने जा रहे हैं। इस समय वह भी वहीं रहेंगे। स्वामी ने प्रभावित लोगों से धैर्य और मनोबल बनाए रखने की अपील की है।स्वामी ने कहा कि हमने ज्योतिषियों से लेकर धर्मशास्त्रियों को आमंत्रित किया है। उन्होंने ज्योतिर्मठ की रक्षा के लिए होने वाले अनुष्ठानों के बारे में बताया है। हम अनुष्ठान शुरू करेंगे।
उन्होंने बताया कि जोशीमठ क्षेत्र को आपदा संभावित घोषित किया गया है। जल शक्ति मंत्रालय की एक टीम समेत केंद्र सरकार की दो टीमें यहां पहुंच रही हैं। जोशीमठ और आसपास के इलाकों में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। प्रभावित लोगों को सूखे राशन के किट बांटे जा रहे हैं।
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