Joshimath Sinking: उत्तराखंड (Uttarakhand) में प्राकृतिक आपदा (Uttarakhand Disaster) थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां मकानों के दरकने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी के बीच यहां दो और होटल दरारों के बाद एक दूसरे पर झुक गए हैं। वहीं औली रोपवे के पास और भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ के अन्य क्षेत्रों में रविवार को चौड़ी दरारें दिखाई दीं।
826 हुई दरके मकानों की संख्या
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक बुलेटिन में बताया गया है कि जिन घरों में दरारें (Joshimath Sinking) आ गई हैं, उनकी संख्या अब बढ़कर 826 हो गई है, जिनमें से 165 असुरक्षित क्षेत्र में हैं। अभी तक 233 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में शिफ्ट किया गया है। असुरक्षित घोषित किए गए दो होटलों मलारी इन और माउंट व्यू को तोड़ने की प्रक्रिया चल रही थी।
मलारी इन से 100 मीटर दूर दो और होटल झुके
इन दोनों होटलों से करीब 100 मीटर की दूरी पर दो और होटल स्नो क्रेस्ट और कॉमेट खतरनाक तरीके से एक-दूसरे की ओर झुके हुए हैं। एहतियात के तौर पर उन्हें खाली करा लिया गया है। स्नो क्रेस्ट के मालिक की बेटी पूजा प्रजापति ने बताया कि पहले दोनों होटलों के बीच का अंतर करीब 4 फीट था, लेकिन अब यह केवल कुछ इंच रह गया है। उनकी छतें लगभग एक-दूसरे को छू रही हैं।
जोशीमठ-औली रोपवे पर भी खतरा बढ़ा
वहीं जोशीमठ-औली रोपवे के पास और ज्यादा दरारें दिखाई दी हैं। पूर्व में देखी गई दरारों के बाद इस रोपवे का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके बाद से यहां लगातार भूमि धंसाव बढ़ता जा रहा है। रोपवे से जुड़े इंजीनियर दिनेश भट्ट ने बताया कि यहां के परिसर में दीवारों के पास लगभग चार इंच चौड़ी और 20 फीट लंबी दरार दिखाई दी है।
अब तक इतने परिवारों को बांटी गई राहत राशि
सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि अंतरिम राहत के रूप में 190 प्रभावित परिवारों को 2.85 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बांटी गई है। जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 540 एलपीएम से घटकर 163 एलपीएम हो गया। संबंधित भवनों में क्रेक मीटर लगाए गए।