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Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ आपदा से लोगों को बचाएगी सेना! आर्मी चीफ बोले- हम तैयार

Joshimath Land Subsidence: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में आए प्राकृतिक संकट के बीच गुरुवार को एक और डराने वाली खबर सामने आई है। जोशीमठ बेस कैंप की 25-28 इमारतों (Army Buildings) में दरारें देखी गई है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय (Army Chief General Gen Manoj Pande) ने बताया कि सभी जवानों को […]

Joshimath Land Subsidence: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में आए प्राकृतिक संकट के बीच गुरुवार को एक और डराने वाली खबर सामने आई है। जोशीमठ बेस कैंप की 25-28 इमारतों (Army Buildings) में दरारें देखी गई है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय (Army Chief General Gen Manoj Pande) ने बताया कि सभी जवानों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी जोशीमठ दौरे पर हैं।

जवानों को किया गया शिफ्ट

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक गुरुवार को भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित आर्मी बेसकैंप में सेना की करीब 25-28 इमारतों में दरारें आ गई हैं। जनरल ने बताया कि फिलहाल जवानों को जोशीमठ में ही अस्थायी रूप से दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है। अगर जरूरत महसूस हुई तो सेना के जवानों को औली या फिर किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। जनरल मनोज पांडे ने कहा कि जहां तक बाईपास रोड (जोशीमठ, उत्तराखंड में) का संबंध है, काम अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, लेकिन अग्रिम इलाकों तक हमारी पहुंच और परिचालन संबंधी तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है। हम स्थानीय प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।

एलएसी से 100 किमी है जोशीमठ

जानकारी के अनुसार गुरुवार को आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडेय ने 15 जनवरी को होने वाली थल सेना दिवस को लेकर प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने बताया कि जोशीमठ का बेस कैंप काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये एलएसी से 100 किमी की दूरी है। हालांकि इससे हमारे किसी भी ऑपरेशन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। संबंधित विभाग सड़कों में आई दरारों की मरम्मत कर रहे हैं।

जोशीमठ दौरे पर हैं सीएम धामी

बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि आज (गुरुवार) मैंने नरसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना की। मैंने भगवान से राज्य की रक्षा करने और इस संकट को हल करने की प्रार्थना की। जैसा कि हमने पहले ही कहा कि सरकार संकटग्रस्त लोगों के लिए सर्वोत्तम संभव राहत पैकेज तैयार करेगी, क्योंकि यह एक प्राकृतिक आपदा है।


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