Uttarakhand Avalanche : उत्तराखंड के चमोली जिले के माना में हिमस्खलन में सीमा सड़क संगठन (BRO) के 55 मजदूर फंस गए थे, जिसमें से 47 को बचा लिया गया है और 8 मजदूरों की तलाश की जा रही है। खराब मौसम के कारण तलाशी या बचाव अभियान में काफी दिक्कतें आ रही हैं, बार-बार ऑपरेशन को रोकना पड़ रहा है। शुरुआत में खबर आई थी कि कुल 57 मजदूर फंसे थे, लेकिन उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने इसे खारिज कर दिया था।
भारतीय सेना के ब्रिगेडियर एमएस ढिल्लन ने बताया, "भारतीय सेना ने पूरी रात बचाव अभियान चलाया। भारतीय सेना की एक पार्टी ने हिमस्खलन में फंसे 14 और लोगों को बचाया। उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए ले जाया जा रहा है, और उनमें से एक की हालत गंभीर है।"
इससे पहले उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 33 मजदूरों को बचा लिया गया है, जबकि 22 का अभी तक पता नहीं चल पाया है। 57 मजदूरों के फंसे होने की शुरुआती रिपोर्ट गलत थी क्योंकि घटना के समय दो मजदूर छुट्टी पर थे।
मजदूरों को बचाने में झोंकी ताकत
शुक्रवार की सुबह-सुबह हुए इस हिमस्खलन की वजह से बीआरओ कैंप 6 से 7 फीट बर्फ के नीचे दब गया। 65 से अधिक कर्मियों को बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है। बचाव के दौरान पहले दस मजदूरों को खोजा गया और फिर बाद में कुल 33 मजदूरों तक बचाव कर्मी पहुंच गए, लेकिन 22 की तलाश में कई बाधाएं आ रही हैं।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार रेक्स्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं और अधिकारियों के संपर्क में हैं।