UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने रविवार को एक बड़ा बयान दे डाला।
उन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत और रामपुर विधानसभा उपचुनाव में हार, भाजपा के साथ 'आंतरिक मिलीभगत' का परिणाम है? इसके बाद मायावती ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को सोचने की जरूरत है। ताकि आने वाले चुनावों में वे धोखे से बच सकें।
2.88 लाख वोटों से जीती हैं डिंपल
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हाल ही में हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव ने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को 2.88 लाख वोटों के अंतर से हराया है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक-नेता मुलायम सिंह यादव के निधन पर यह लोकभा सीट खाली हुई थी। इस कारण यहां उपचुनाव हुआ।
हालांकि भाजपा ने पहली बार समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के गढ़ रामपुर सदर विधानसभा सीट पर सेंध लगाई है। भाजपा के आकाश सक्सेना ने आजम खान की करीबी उम्मीदवार असीम रजा को 34,000 वोटों के अंतर से हराया।
मिलीभगत का परिणाम तो नहीं?
इस घटनाक्रम के बाद मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, 'यूपी के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की हुई जीत किन्तु रामपुर विधानसभा उपचुनाव में आजम खान की खास सीट पर योजनाबद्ध कम वोटिंग करवा कर सपा की पहली बार हुई हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा व भाजपा की अंदरुनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं?'
इसके बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट किया। इसमें लिखा, 'इस बारे में खासकर मुस्लिम समाज को काफी चिंतन करने और समझने की भी जरूरत है, ताकि आगे होने वाले चुनावों में धोखा खाने से बचा जा सके। खतौली विधानसभा की सीट पर भाजपा की हार को भी लेकर वहां काफी संदेह बना हुआ है, यह भी सोचने की बात है।'
जानकारी के मुताबिक सपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल ने खतौली उपचुनाव जीता है। रालोद उम्मीदवार मदन भैया ने भाजपा की राजकुमारी सैनी को 22,000 मतों से हराया।