UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में सपा सोशल मीडिया सदस्य मनीष जगन अग्रवाल (Manish Jagan Agrawal) की गिरफ्तारी के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की ओर से भी भाजपा नेता डॉ ऋचा राजपूत (Dr. Richa Rajpoot) के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस अब इस मामले की जांच में भी जुट गई है।
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सपा नेता नरेश उत्तम ने दी तहरीर
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यूपी भाजपा यूथ विंग की नेता डॉ. ऋचा राजपूत के खिलाफ सपा नेता नरेश उत्तम पटेल ने शिकायत की है। उनका आरोप है कि सपा सांसद डिंपल यादव के खिलाफ उनके आधिकारिक अकाउंट से एक ट्वीट में कथित रूप से अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है। इसको लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आईपीसी और आईटी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धाराओं के खिलाफ कार्रवाई की है।
लखनऊ कमिश्नर ने बताया कि सपा नेता ने डॉक्टर ऋचा राजपूत के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने की शिकायत दर्ज कराई है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले सभी मामलों में कार्रवाई करना सरकार की प्राथमिकता है। सभी आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई होगी।
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अखिलेश यादव ने दिया ये बयान
वहीं सपा कार्यकर्ता मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार से इंसाफ की उम्मीद न करें। पुलिस और प्रशासन अन्याय और झूठ बोलने वालों के साथ है। सच बोलने वालों को सजा मिलेगी। यह सिर्फ एक दिन की बात नहीं है, भाजपा अपने लोगों से जानबूझकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करवाती है ताकि दूसरे जवाब दें।
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मुझे पुलिस मुख्यालय में कोई नहीं मिला
उन्होंने कहा कि पुलिस से लेकर प्रशासन तक हर कोई भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा है। उनका कानून, नियम और न्याय से कोई संबंध नहीं है। बताया कि जब मैं पुलिस मुख्यालय पहुंचा तो मुझे कोई दिखाई नहीं दिया, परिसर खाली था। अगर वहां लोगों की सुनने वाला कोई नहीं है तो सोचिए यूपी में किसकी सुनी जा रही है।
इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि हमने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी। उनके खिलाफ भी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। हमने अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया पूरा प्रकरण
इस पूरे मामले मे प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि ये मामला काफी समय से चल रहा है। नवंबर में यह मामला सामने आया था। पूरी जांच के बाद ही लखनऊ पुलिस ने इस संबंध में कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि अखिलेश यादव ने अधिकारियों की मौजूदगी में चाय भी पी। सभी उसके साथ अच्छा व्यवहार करते थे। तमाम वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद थे। उनकी पूरी बात सुनी गई है और उन्हें सब कुछ समझाया गया। वह संतुष्ट होकर गए हैं।
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