Dev Deepawali 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के काशी (वाराणसी) में देव दीपावली का भव्य आयोजन शुरू हो गया है। एजेंसियों की ओर से वाराणसी के फोटो और वीडियो जारी किए गए हैं। बता दें कि तिथि के अनुसार इसे 8 नवंबर को मनाया जाना था, लेकिन चंद्र ग्रहण के कारण इसे एक दिन पहले यानी आज मनाया जा रहा है।
क्या है देव दीपावली का महत्व और कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार राक्षस तारकासुर के तीन बेटे (तारकक्ष, विद्युतुमली और कमलाक्ष) थे। जिन्हें त्रिपुरासुर के नाम से जाना जाता है। अपनी कठोर तपस्या से त्रिपुरासुर ने भगवान ब्रह्मा को प्रभावित किया और अमरता का वरदान देने के लिए कहा।
हालांकि भगवान ब्रह्मा ने उन्हें वरदान दिया कि उन्हें केवल एक तीर से मारा जा सकता है। आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद, त्रिपुरासुर ने कहर बरपाया और सामूहिक विनाश करना शुरू कर दिया। उन्हें हराने के लिए भगवान शिव ने त्रिपुरारी या त्रिपुरांतक का अवतार लिया और उन सभी को एक तीर से मारा। इसलिए इस दिन को देव दीपावली के तौर पर मनाया जाता है।
यह बताया गया था समय
हालांकि कार्तिक पूर्णिमा इस साल 8 नवंबर को है, लेकिन इस दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। प्रदोषकाल देव दीपावली का मुहूर्त उसी दिन शाम 05:14 बजे से शाम 07:49 बजे तक यानी 2 घंटे 35 मिनट तक रहेगा। साथ ही पूर्णिमा तिथि 7 नवंबर को शाम 04:15 बजे शुरू होकर 8 नवंबर को शाम 04:31 बजे समाप्त होगी।
महाआरती में पहुंचे हजारों लोग
समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से बताया गया है कि वाराणसी में देव दीपावली पर दशाश्वमेध घाट पर महागंगा आरती शुरू हो गई है। इसके अलावा सुर्यास्त के साथ ही काशी के चेत सिंह घाट समेत अन्य घाटों पर लोगों ने हजारों-लाखों दीए जला।
सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैंः वाराणसी आयुक्त
वाराणसी संभागीय आयुक्त कौशल राज शर्मा ने एएनआई को दिन में बताया कि वाराणसी में देव दीपावली की तैयारियां हो चुकी हैं। 4:30 बजे लोगों आना शुरू हो जाएगा। उसी को लेकर अंतिम इंतजाम किए जा रहे हैं। ट्रैफिक को लेकर सारे निर्देश दिए गए हैं। दीए लगाने का काम जारी है। 5:30 बजे तक दीए जलाने का समय रखा गया है।