Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बदायूं से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर मेडिकल कॉलेज में एक टीबी के मरीज का इलाज चल रहा था। जान बचाने के लिए अस्पताल के चक्कर लगा रहा ये मरीज यहीं पर अपनी जिंदगी की जंग हार गया। इसकी मौत की वजह बना यहां का स्टाफ। जानकारी के मुताबिक, मरीज अपनी दवा लेने का इंतजार कर रहा था लेकिन स्टाफ ठंड में कंबल ताने सो रहा था। परेशान मरीज ने मेडिकल कॉलेज की चौथी इमारत से कूद कर जान दे दी।
क्या है पूरा मामला?
मृतक के पिता के मुताबिक, जनपद संभल के जुनाबाई थाना निवासी सुभाष को पिछले एक साल से TB की बीमारी से जूझ रहा था। सुभाष का इलाज मथुरा के वृंदावन में चल रहा था। लेकिन अचानक तबीयत खराब होने पर उसको बदायूं के दहगवां गांव ले आए और अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर ने उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, सुभाष 3 दिसंबर से मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। बीती रात उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद दर्द से उसने मेडिकल कॉलेज के स्टाफ से दवाई की मांग की। लेकिन स्टाफ रात की ठंड में कंबल ओढ़कर सोता रहा।
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बिल्डिंग से लगाई छलांग
इसके बाद तंग आकर सुभाष ने मेडिकल कॉलेज की चौथी बिल्डिंग की खिड़की से कूद कर अपनी जान दे दी। मृतक सुभाष के पिता का आरोप है कि उनका बेटा रातभर दर्द में था, लेकिन स्टाफ ने एक न सुनी जिसकी वजह से उसने परेशान होकर अपनी जान दी है। इसके बाद कॉलेज का मैनेजमेंट मामले को दबाने में जुट गया और पुलिस बुलाकर मरीज के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
मेडिकल कॉलेज का क्या कहना है?
इस पूरे मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्रभारी सीएमएस डॉक्टर ज्ञानेंद्र का कुछ और ही कहना है। उनके मुताबिक, मरीज 2 दिन से भर्ती था जिसकी टीवी का इलाज चल रहा था। सुबह जब पिता दवा लेने काउंटर पर गए तब मरीज ने बिल्डिंग से कूद कर आत्महत्या कर ली। उनका कहना है कि रात में एक मरीज की मौत हुई थी, जिससे वह घबरा गया था। इसके बाद स्टाफ ने इंजेक्शन और दवा दी थी। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी एक मानसिक रोग से पीड़ित मरीज आत्महत्या कर चुका है।
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