उत्तर प्रदेश के संभल में विवादित जामा मस्जिद के पास कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जे की पैमाइश पूरी हो गई है. RAAF-PAC की सुरक्षा में DM डॉ. राजेंद्र पेंसिया और SP कृष्ण कुमार बिश्नोई की मौजूदगी में 29 राजस्व अधिकारियों ने पैमाइश की. इस दौरान ड्रोन कैमरों से आसमान और लोगों के घरों की छतों की निगरानी की गई. वहीं पुलिस के साथ RAAF-PAC की टीमों ने मार्च निकाला. पैमाइश करने आई टीम का नेतृत्व तहसीलदार धीरेंद्र सिंह ने किया.
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फीते से की दुकानों-मकानों की पैमाइश
राजस्व अधिकारियों की टीम ने जहां कब्जाई गई 8 बीघा जमीन पर बनी दुकानों-मकानों की फीते से पैमाइश की, वहीं आला अधिकारियों ने खुद खड़े होकर एक-एक मकान और दुकान की पैमाइश करवाई. इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस ने कब्जेदारों से बातचीत करके जानकारी ली और जामा मस्जिद के रिकॉर्ड में शामिल जामा मस्जिद का प्राचीन नक्शा भी देखा, जिसमें कब्जाई गई जमीन को कब्रिस्तान की जमीन बताया गया.
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जांच के गठित की गई है विशेष कमेटी
जिलाधिकारी ने बताया कि जमीन पर कब्जा करके 22 मकान और दुकानें बनाई गई हैं. मामले की जांच के लिए एक जांच कमेटी गठित की गई है, जिससे 7 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है. यह कमेटी दुकानों और मकानों के दस्तावेज चेक करेगी. अगर जांच में अवैध कब्जा पाया गया तो कब्जा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आज कड़ी सुरक्षा के बीच कब्जाई गई जमीन पर बनी दुकानों और मकानों की पैमाइश की गई है.
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कानूनी और बुलडोजर कार्रवाई होगी
संभल के DM डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि प्रशासन का रुख साफ है कि अगर अवैध कब्जे की शिकायत सही मिली तो कानूनी कार्रवाई होगी और बुलडोजर भी चलेगा. आगे की कार्रवाई तहसीलदार की कोर्ट में दस्तावेजों की जांच के आधार पर की जाएगी और इसके लिए जांच रिपोर्ट तलब की गई है. दुकान और मकान मालिकों को वैध दस्तावेज कमेटी के सामने पेश करने को कहा गया है. जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन अपनी रिपोर्ट तैयार करके कोर्ट में पेश करेगा.