Ragini dancer Jyoti Chaudhary arrested: मशहूर रागिनी डांसर ज्योति चौधरी हनीट्रैप गैंग की सरगना निकली. अपने प्रेमी के साथ मिलकर ज्योति चौधरी ने पूर्व फौजी से एक करोड़ की रंगदारी मांगी. लगातार मिल रही धमकियों से परेशान होकर पीड़ित पूर्व फौजी ने कंकरखेड़ा थाने में पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई. शिकायत मिलते ही पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तकनीकी जांच शुरू की और कॉल डिटेल्स के आधार पर आरोपियों तक पहुंच गई. रागिनी डांसर की आड़ में चल रही हनीट्रैप गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. हैरानी की बात यह है कि रंगदारी के लिए मलेशिया नंबर से व्हाट्सएप कॉल की गई. पीड़ित की शिकायत पर कंकरखेड़ा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
हनीट्रैप गैंग की सरगना निकली रागिनी
ये मामला मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र का है, जहां रागिनी डांसर ज्योति चौधरी की पहचान अब हनीट्रैप गैंग की सरगना के रूप में सामने आई है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ज्योति चौधरी सोशल मीडिया और फोन कॉल के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाती थी. पीड़ित पूर्व फौजी ने बताया कि उसकी पहचान आरोपी रागिनी डांसर से हुई थी. बातचीत का सिलसिला धीरे-धीरे नजदीकियों में बदला और फिर उसी का फायदा उठाकर उसे ब्लैकमेल किया जाने लगा. आरोप है कि रागिनी डांसर ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पीड़ित को आपत्तिजनक बातचीत और वीडियो के जरिए फंसाया और फिर एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी. रकम न देने पर झूठे मुकदमे में फंसाने और बदनाम करने की धमकी दी गई. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि रंगदारी की मांग मलेशिया के एक मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप कॉल के जरिए की गई, ताकि आरोपियों की पहचान और लोकेशन ट्रेस न हो सके.
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इससे पहले और कितने लोग बने शिकार
जांच के दौरान सामने आया कि इस हनीट्रैप गैंग की मास्टरमाइंड एक स्थानीय रागिनी डांसर ज्योति चौधरी है, जो अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस पूरे नेटवर्क को चला रही थी. पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए रागिनी डांसर और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार, आरोपियों के कब्जे से मोबाइल फोन, सिम कार्ड और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं. मामले में रंगदारी और आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और यह भी जांच की जा रही है कि उन्होंने इससे पहले और कितने लोगों को अपना शिकार बनाया.
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जानबूझकर विदेशी नंबर का इस्तेमाल
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने जानबूझकर विदेशी नंबर का इस्तेमाल किया, ताकि कानून की पकड़ से बचा जा सके. हालांकि, तकनीकी सर्विलांस के जरिए पुलिस ने इस चाल को नाकाम कर दिया. फिलहाल दोनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है. यह भी आशंका जताई जा रही है कि हनीट्रैप गैंग का नेटवर्क बड़ा हो सकता है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. यह मामला एक बार फिर चेतावनी देता है कि सोशल मीडिया और अनजान संपर्कों से सावधान रहने की जरूरत है.