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प्रेमानंद महाराज से मिलने का क्या है सही तरीका? ठगी करने वालों से रहें सावधान, आश्रम ने जारी की एडवाइजरी

Kelii Kunj Ashram Advisory: वृंदावन स्थित केलि कुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज से मिलने का सही तरीका क्या आप जानते हैं? अगर नहीं जानते हैं तो आइये बताते हैं महाराज से मिलने का सही तरीका।

Premanand Ji Maharaj Meeting
Premanand Ji Maharaj Meeting: वृंदावन स्थित केलि कुंज आश्रम के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज अपने ज्ञान से लोगों को सही रास्ता दिखाते हैं। वे अपने भक्तों को जीवन की परेशानियों का हल बताते हैं। क्या आप जानते हैं प्रेमानंद महाराज से मिलने का सही तरीका क्या है? आइये आपको बताते हैं प्रेमानंद महाराज से मिलने का सही तरीका।

टोकन लेकर होते है दर्शन

वृंदावन स्थित केलि कुंज आश्रम की वेबसाइट के अनुसार भक्त प्रातःकालीन सत्संग, श्रृंगार कीर्तन/वाणी पाठ, एकान्तिक वार्ता या एकान्तिक दर्शन के लिए टोकन लेकर पूज्य महाराज के दर्शन कर सकते हैं। इसके लिए आपको केलि कुंज आश्रम आकर अपना नाम पंजीकृत करवाना अनिवार्य होगा। नाम प्रतिदिन सुबह 4ः30 बजे के बाद लिखे जाते हैं। सत्संग हाॅल में सीमित संख्या को देखते हुए सीमित नाम ही लिखे जाते हैं। ये भी पढ़ेंः दिल्ली से सीधे जुड़ेगा ग्रेटर नोएडा, इस रूट पर बनेगा मेट्रो लिंक, मिनटों में पहुंच जाएंगे लोग

आश्रम की कोई शाखा नहीं

इस बीच आश्रम ने भक्तों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें आश्रम के नाम पैसों की उगाही करने वालों से सावधान रहने के लिए कहा गया है। एडवाइजरी में कहा गया है कि श्री राधा केलि कुंज आश्रम वृंदावन की और कोई जगह पर शाखा नहीं है। आश्रम किसी भूमि, फ्लैट, प्लाॅट और भवन निर्माण की खरीद बिक्री का काम नहीं करता है। कोई भी होटल, रेस्टाॅरेंट, ढाबा और यात्री विश्राम स्थल और विद्यालय आश्रम के नाम पर नहीं है।

लोगों के झांसे में न आएं

एडवाइजरी के अनुसार आश्रम की किसी भी प्रकार की कंठी माला, पूजा, श्रृंगार सामग्री की दुकान नहीं है और न ही आश्रम की ओर से कोई विज्ञापन किया जाता है। आश्रम परिसर में एकान्तिक वार्तालाप व सत्संग और पाठ से जुड़ने के लिए कोई शुल्क नहीं है। बता दें कि भक्तजनों को सतर्क किया है कोई भी व्यक्ति आश्रम का नाम छोड़कर अगर भ्रमित करे तो ऐसे लोगों से सतर्क रहें। ऐसे लोगों के झांसे में न आएं। ये भी पढ़ेंः इतिहास का सबसे बड़ा समागम बना महाकुंभ, पावन डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ पार


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