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प्रयागराज में रामनवमी पर हंगामा, सालार मसूद गाजी की दरगाह पर फहराया भगवा झंडा

प्रयागराज में रामनवमी पर सुहेलदेव संगठन के कार्यकर्ताओं ने जमकर हगांमा किया। इसके बाद संगठन से जुड़े युवा सालार मसूद गाजी की दरगाह पहुंचे और दरगाह के गुबंद पर भगवा झंडा फहरा दिया। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने झंडे उतरवाए।

Salar Masud Dargah Prayagraj (Pic Credit- Social Media)
प्रयागराज में रामनवमी के मौके पर महाराजा सुहेलदेव संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सालार मसूद गाजी की दरगाह पर भगवा झंडे फहराए। जानकारी के अनुसार तीन युवक दीवार के सहारे दरगाह की छत पर पहुंचे और भगवा झंडे लहरा दिए। इसके दौरान युवकों ने नारेबाजी भी की।सभी युवक सुहेलदेव संगठन से जुड़े मनेंद्र प्रताप सिंह की अगुवाई में सालार मसूद की दरगाह पर पहुंचे थे। मनेंद्र प्रताप ने बताया कि सालार मसूद गाजी आक्रांता था। उसकी तीर्थराज प्रयाग में कोई दरगाह नहीं होनी चाहिए। दरगाह को तुरंत ध्वस्त कर देना चाहिए। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने झंडे नीचे उतरवाए। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले युवा फरार हो चुके थे। बता दें कि ये दरगाह गंगापार इलाके में प्रयागराज से 40 किलोमीटर दूर है।

कमिश्नर को दिया ज्ञापन

स्थानीय लोगों के अनुसार मनेंद्र प्रताप सिंह की अगुवाई में रविवार शाम करीब 4 बजे 20 युवक बाइक पर सवार होकर दरगाह पहुंचे। इस दौरान युवकों के हाथ में भगवा झंडे थे। इसके बाद वे दीवार के सहारे दरगाह की छत पर चढ़ गए और भगवा झंडा लहराते हुए नारेबाजी की। इससे पहले सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों ने डीएम और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन दिया था। उसमें लिखा है प्रयागराज की पवित्र भूमि पर बहरिया के सिकंदरा में सैयद सालार गाजी की अवैध मजार बनाई गई है। गाजी हिंदुओं का हत्यारा और आक्रांता था। वो कभी भी सिकंदरा नहीं आया था। ये भी पढ़ेंः ‘इथेनाॅल प्लांट से मिलेगी युवाओं को नौकरी’, सीएम योगी का रामनवमी पर बड़ा ऐलान

प्रशासन ने लगाया था ताला

संगठन ने कहा कि वक्फ बोर्ड द्वारा जमीन कब्जा करने के इरादे से वहां पर पहले से शिवकंद्रा वाले महादेव का मंदिर था, जिस पर मजार बनवा दी गई। ऐसे में हिंदुओं की मांग है कि जल्द से जल्द वहां से मजार हटाई जाए। इस गाजी को महाराजा सुहेलदेव ने मारा था। मनेंद्र प्रताप ने कहा कि गाजी जैसे आक्रांता की कोई निशानी देश में नहीं होनी चाहिए। बता दें कि प्रयागराज प्रशासन ने हंगाम के बाद 24 मार्च को दरगाह के गेट पर ताला लगा दिया था। ये भी पढ़ेंः LIVE देखें रामलला का सूर्य तिलक, ललाट पर 4 मिनट के लिए पड़ीं सूर्य की किरणें


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