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निर्भया के दोषियों को फांसी देने वाले पवन जल्लाद के बिगड़े हालात, CM योगी से लगाई गुहार

निर्भया के दोषियों को फांसी देने वाले जल्लाद पवन ने सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है. पवन का कहना है कि उन्हें सिर्फ 10 हजार रुपये मानदेय के रूप में मिलते हैं, जिससे गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है. मेरठ निवासी पवन ने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर मांग की है कि उनकी राशि बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जाए. पवन ने कहा कि निर्भया केस के बाद से किसी को फांसी नहीं दी गई है, फिर भी वह रोज मेरठ जेल में हाजिरी लगाते हैं.

पवन जल्लाद की पुरानी फोटो

निर्भया के दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी. फांसी पवन नाम के जल्लाद ने दी थी. करीब 5 साल पहले पवन ने निर्भया के दोषियों को फांसी दी थी, लेकिन तब से देश में एक भी फांसी नहीं हुई है. पवन देश में बचे कुछ जल्लादों में से एक हैं, जो दोषियों को फांसी की सजा देते हैं, लेकिन अब पवन जल्लाद सीएम योगी से गुहार लगा रहे हैं.

पवन जल्लाद का कहना है कि उन्हें गुजारा करना मुश्किल हो रहा है. उन्हें दस हजार रुपये मिलते हैं, लेकिन यह रकम बहुत कम है और इससे गुजारा करना कठिन है. ऐसे में मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद ने जिला कारागार के जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा को पत्र लिखा है और मांग की है कि उन्हें मिलने वाले मानदेय की रकम को बढ़ाया जाए.

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प्रशासन से लगाई गुहार

वहीं, खबरों की मानें तो जेल अधीक्षक तक पवन जल्लाद का पत्र पहुंच चुका है और उन्होंने इसे उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया है. पवन जल्लाद की मांग है कि मानदेय की रकम 25 हजार कर दी जाए. पवन का कहना है कि उनकी जिंदगी आर्थिक तंगी से जूझ रही है, ऐसे में सरकार को मानदेय की रकम बढ़ा देनी चाहिए.

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पवन जल्लाद ने दिल्ली में निर्भया के साथ गुनाह करने वाले अपराधियों को फांसी दी थी. वे अब तक 4 लोगों को फांसी दे चुके हैं और ये चारों निर्भया के गुनहगार ही थे. उनका कहना है कि इसके बाद देश में कहीं भी फांसी नहीं हुई है. फांसी की सजा तो दी गई है, लेकिन किसी को फांसी पर नहीं चढ़ाया गया.

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पवन का कहना है कि भले ही इतने दिनों तक किसी को फांसी नहीं दी गई है, लेकिन वह मेरठ की जेल में रोज़ हाजिरी लगाते हैं. सरकार की तरफ से उन्हें दस हजार रुपये मिलते हैं, जिनसे गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में उन्होंने केंद्र और राज्य में योगी सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें मिलने वाली रकम बढ़ाई जाए, जिससे उनकी आर्थिक तंगी दूर हो सके और वह साधारण जीवन जी सकें.


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