Greater Noida News: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सख्ती बरतते हुए ग्रेप-3 के तहत नए प्रतिबंध लागू कर दिए हैं. इसके साथ ही गौतमबुद्ध नगर में रजिस्टर्ड करीब 1.80 लाख गाड़ियों के दिल्ली-एनसीआर में चलने पर रोक लगा दी गई है.
बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर रोक
आयोग के आदेश में कहा गया है कि बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल मानक वाली चारपहिया गाड़ियां अब दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और एनसीआर के अन्य जिलों में सड़कों पर नहीं चल सकेंगी. परिवहन विभाग के आंकड़ों की मानें तो गौतमबुद्ध नगर में 96,210 बीएस-3 पेट्रोल वाहन, 41,067 बीएस-3 डीजल वाहन और 42,516 बीएस-4 डीजल वाहन रजिस्टर्ड हैं. यानी करीब 1.80 लाख वाहन प्रतिबंध की जद में आएंगे.
---विज्ञापन---
पकड़े जाने पर 5,000 चालान और सीज की कार्रवाई
एआरटीओ प्रशासन नंद कुमार ने बताया कि प्रतिबंधित वाहनों के सड़कों पर चलते पाए जाने पर 5,000 का चालान किया जाएगा. बार-बार उल्लंघन करने वालों के वाहनों को सीज (जब्त) भी किया जा सकता है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे नियमों का पालन करें ताकि प्रदूषण पर काबू पाया जा सके.
---विज्ञापन---
प्रदूषण रोकने के इंतजाम नाकाम
विभागीय कार्रवाई और तमाम इंतजामों के बावजूद शहर की हवा बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रतिदिन 60 से 65 टैंकर पानी का छिड़काव सड़कों पर किया जा रहा है ताकि धूल नियंत्रित की जा सके. इसके अलावा औद्योगिक और निर्माण स्थलों पर 10 एंटी स्मॉग गन प्राधिकरण की ओर से और 186 एंटी स्मॉग गन निजी साइटों पर लगाई गई हैं जो पानी की फुहारों से प्रदूषण को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही हैं.
नई मशीनें भी आई, लेकिन हवा अब भी खराब
शहर में वर्तमान में 6 मैकेनिकल स्वीपर मशीनें धूल हटाने के लिए चल रही हैं. हालात बिगड़ने के बाद दो नई मशीनें भी जोड़ी गई हैं. प्राधिकरण अब तक 60 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना प्रदूषण फैलाने वालों पर लगा चुका है, लेकिन इसके बावजूद हालात में सुधार नहीं आया है.
387 एक्यूआई के साथ टॉप-10 प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा
बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 387 दर्ज किया गया, जिससे शहर देश के सबसे प्रदूषित टॉप-10 शहरों में शामिल हो गया. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हवा की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो आने वाले दिनों में ग्रेप-4 जैसे और सख्त प्रतिबंध लागू करने पड़ सकते हैं.