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नोएडा एक्सटेंशन की सोसायटियां फायर सेफ्टी में फेल, आग लगने पर एओए और बिल्डर में से कौन होगा जिम्मेदार

Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा की सोसायटियों में गर्मी शुरू होते ही आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस बीच एक चौंका देने वाली बात भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि शहर में मौजूद 300 से ज्यादा सोसायटियां फायर सेफ्टी में फेल मिली हैं। ऐसे में अगर इन सोसायटियों में एक साथ कई फ्लैटों में आग लगती है तो उस पर काबू कर पाना मुश्किल होगा।

Noida-Greater Noida Society
Noida News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सभी हाईराइज बिल्डिंगों और सोसायटियों में फायर सेफ्टी के इंतजाम राम भरोसे है। फायर विभाग के मुताबिक, शहर की 376 हाईराइज बिल्डिंगों और सोसायटियों में आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इनमें 300 से ज्यादा सोसायटी हैं। इन सभी सोसायटियों के बिल्डरों के खिलाफ पूर्व में नोटिस जारी किया गया है। इनमें बड़ी संख्या में ऐसी सोसायटी भी हैं, जिन्हें बिल्डरों ने अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन (एओए) को हैंडओवर कर दिया है। आग बुझाने के इंतजाम फेल चीफ फायर ऑफिसर (CFO) प्रदीप चौबे ने बताया कि शहर में हर साल हाईराइज सोसायटियों में आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। कई बार इमारतों में आग बुझाने के इंतजाम फेल भी पाए गए। इसमें लोगों का लाखों का नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए फायर सेफ्टी विभाग ने पिछले साल इमारतों का सर्वे और इनमें इंतजाम देखे। विभाग की मानें तो बड़ी संख्या में ऐसी सोसायटी भी हैं, जिनमें आग बुझाने की व्यवस्था बिल्कुल नहीं है। फायर विभाग ने शुरू की जांच चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि पूर्व में जिले में 15 मीटर से ऊंची 376 ऊंची इमारतों को नोटिस जारी कर आग बुझाने के इंतजाम करने के निर्देश दिए गए थे। उस समय 75 हाईराइज सोसायटियों के खिलाफ दमकल विभाग ने वाद दर्ज कराया है। इस साल भी जांच शुरू कर दी गई है। 5 से 20 लाख रुपये का आता है खर्च जिले में ऐसी सैकड़ों सोसायटी हैं, जिनमें बिना इंतजाम के ही बिल्डरों ने एओए को हैंडओवर दे दिया है। अब ऐसे में एओए के सामने समस्या खड़ी हो गई है कि वह लाखों रुपये का बजट सुरक्षा उपकरणों के लिए कहां से लाए। एक सोसायटी में सुरक्षा उपकरण लगाने में 5 लाख से लेकर 20 लाख रुपये तक का खर्च आता है। अगर वह सोसायटी के लोगों से इस खर्च को वसूलेंगे तो आर्थिक नुकसान के साथ विवाद खड़े होंगे। एनओसी कैसे मिली फायर सेफ्टी विभाग की रिपोर्ट सामने आने के बाद सोसायटियों के लोगों ने अग्निशमन विभाग पर भी सवाल खड़े किए हैं। लोगों का आरोप है कि जब आग बुझाने तक के इंतजाम नहीं थे तो इन इमारतों को एनओसी किस आधार पर दी गई। क्या तब विभाग ने जांच करना उचित नहीं समझा? अधिकारियों का तर्क हालांकि इस मामले में फायर सेफ्टी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन सोसायटियों को एनओसी दी गई, उनमें उस वक्त तो फायर सेफ्टी उपकरण लगे हुए थे, लेकिन मेंटिनेंस नहीं होने से वे खराब हो गए। इस वजह से बिल्डरों को नोटिस जारी किए हैं।


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