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नोएडा एयरपोर्ट नो-ड्रोन फ्लाई जोन घोषित, पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया एक्शन

Noida International Airport: बताया जा रहा है कि वैसे तो यह निर्णय एयरपोर्ट और वायु क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जिसके तहत अब इस क्षेत्र में ड्रोन या किसी भी प्रकार के अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो गया है। सूत्रों से पता चला है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह निर्णय लिया गया है।

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Noida International Airport: पहलगाम आतंकी हमले के बाद Ministry of Civil Aviation Directorate General of Civil Aviation (DGCA) और सुरक्षा एजेंसियों के संयुक्त निर्देश पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर को रेड जोन यानी नो-ड्रोन फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि वैसे तो यह निर्णय एयरपोर्ट और वायु क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जिसके तहत अब इस क्षेत्र में ड्रोन या किसी भी प्रकार के अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो गया है। सूत्रों से पता चला है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह फैसला लिया गया है। पुलिस लेगी एक्शन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण अंतिम चरण में है। जल्द ही यह संचालन में आने वाला है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों के लिए इसकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। ड्रोन उड़ानों पर यह प्रतिबंध भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम-1934 और यूएवी संचालन के नियमों के अंतर्गत कानूनी रूप से मान्य है। यूएवी एक प्रकार का विमान है जिसे सैन्य अभियानों में शत्रु क्षेत्र की टोह लेने एवं आवश्यकता पड़ने पर आक्रमण करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। यही कारण है कि बिना पूर्व अनुमति के ड्रोन उड़ाने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं या समूहों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ड्रोन से होती है परेशानी एयरपोर्ट के ऊपर या आसपास उड़ता हुआ ड्रोन न केवल पायलटों की एकाग्रता भंग करता है, बल्कि रडार प्रणाली में भी हस्तक्षेप कर सकता है। जिससे विमानों की निगरानी और मार्गदर्शन में परेशानी हो सकती है। कई देशों में ड्रोन के कारण विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग या उड़ान रद्द करने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। देशभर में ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। फोटोग्राफी, निगरानी, कृषि एवं व्यापारिक गतिविधियों में ड्रोन का उपयोग आम हो चला है। लेकिन हवाई अड्डों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में यह तकनीक खतरे का कारण बन सकती है। नोडल अधिकारी ने की अपील ड्रोन की उपस्थिति विमान संचालन में बाधा उत्पन्न कर सकती है। जिससे टक्कर जैसी घटनाएं होने की आशंका रहती है। साथ ही यह आतंकवादी गतिविधियों, जासूसी या डाटा चोरी जैसे गंभीर सुरक्षा जोखिम भी उत्पन्न कर सकती है। एयरपोर्ट सुरक्षा के नोडल अधिकारी व एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र का कहना है कि लोगों से अपील की है कि वह नोएडा एयरपोर्ट क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग न करें और नियमों का पालन करें। एयरपोर्ट की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।


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