Mubarak Manzil Demolition/विमल कुमार: उत्तर प्रदेश के आगरा की एक खुबसूरत एतिहासिक इमारत मुबारक मजिल ध्वस्त कर दिया गया है, जो 17वीं शताब्दी की एक मुगल धरोहर थी। औरंगजेब ने इसका निर्माण सामोगढ़ (सममूगढ़) की लड़ाई में जीत के बाद कराया था। इससे लोगों के बीच आक्रोश फैल गया है । इसके अलावा बिल्डर और अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप भी लगे हैं। आइए इस मामले के बारे में जानते हैं।
औरंगजेब की हवेली
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा इस इसे प्रोटेक्शन के लिए लिस्ट किए जाने के तीन महीने बाद ही यह ध्वस्त किया गया, जिसमें 100 से अधिक ट्रैक्टर मलबा हटाया गया। मुबारक मंजिल का ऐतिहासिक महत्व है और इसे औरंगजेब की हवेली के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि मुबारक मंजिल शाहजहां, शुजा और औरंगजेब सहित कई मुगल बादशाह रहे हैं। बता दें कि ब्रिटिश शासन के दौरान इसकी संरचना में बदलाव किया है। ब्रिटिश शासन में इस मंजिल का उपयोग नमक दफ्तर, कस्टम हाउस और माल डिपो के रूप में किया जाता था। 1817 के बाद इसमें कई बदलाव किये गए थे और इमारत का दो मंजिल तक बनवाया गया।
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ऐतिहासिक इमारत हुई ध्वस्त
रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि सितंबर में राज्य पुरातत्व विभाग ने मुबारक मंजिल के संरक्षण का प्रस्ताव रखते हुए एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसके बाद लखनऊ के अधिकारियों ने संरक्षण प्रयासों को शुरू करने के लिए दो सप्ताह पहले ही साइट का दौरा किया। हालांकि, उनके दौरे के कुछ समय बाद ही विध्वंस का काम शुरू हो गया, जिससे ऐतिहासिक इमारत मलबे में तब्दील हो गई।
शिकायत के बाद भी ध्वस्त की इमारत
स्थानीय लोगों का दावा है कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर बिल्डर ने आपत्तियों और पास में पुलिस चौकी की मौजूदगी के बावजूद इमारत को ध्वस्त कर दिया। पास ही रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि कई शिकायतें दर्ज करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और इमारत को ध्वस्त करना जारी रहा, जिससे इमारत का 70% हिस्सा नष्ट हो गया।