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Meerut के क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक दफ्तर का गजब कारनामा, अफसर ने रातों रात ‘घोटालेबाजों’ को दिया प्रमोशन

Meerut: गौरव किशोर की रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) जिले में क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक (RFC) आफिस का एक अजब-गजब कारनामा सामने आया है। यहां आरएफसी की कुर्सी का प्रभार संभाल रहे एक अफसर ने विभाग के दागी बाबुओं को रातोंरात प्रमोशन दे दिया है। आरोप है कि सीनियरिटी लिस्ट को भी ध्यान नहीं रखा […]

प्रभारी RFC के खिलाफ शिकायत की गई है। प्रमोशन की रूपरेखा अपर आयुक्त चैत्रा वी के आरएफसी रहते रची गयी थी।

Meerut: गौरव किशोर की रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) जिले में क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक (RFC) आफिस का एक अजब-गजब कारनामा सामने आया है। यहां आरएफसी की कुर्सी का प्रभार संभाल रहे एक अफसर ने विभाग के दागी बाबुओं को रातोंरात प्रमोशन दे दिया है।

आरोप है कि सीनियरिटी लिस्ट को भी ध्यान नहीं रखा गया। आरएफसी कौशलदेव ने ऐसे बाबुओं को प्रमोट किया है जो विभाग से लेकर अदालत तक चार्जशीटेड हैं।

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बागपत के साथ मेरठ का भी प्रभार

बागपत में डिप्टी आरएमओ कौशलदेव लंबे समय से बागपत के चार्ज के साथ मेरठ में आरएमओ का प्रभार देख रहे हैं। 20 जनवरी को उनकी किस्मत ने ऐसा पलटा खाया कि साहब बहादुर मेरठ मंडल के रीजनल फूड कंट्रोलर की कुर्सी पर विराजमान हो गए।

जूनियर बाबू बने सीनियर

बता दें कि आरएमओ और आरएफसी के दोनों पद टेम्परेरी यानी अस्थाई है। लेकिन कौशलदेव खुद को मंडल का अफसर मान बैठे और विभाग के रूटीन वर्क के साथ उन्होंने रातोंरात नियमों को ताक पर रखकर कुछ नीतिगत फैसले कर डाले। प्रभारी आरएफसी कौशलदेव ने विभाग के सबसे बदनाम बाबुओं के प्रमोशन करके उन्हें जूनियर से सीनियर बना डाला।

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मंडलायुक्त से की गई शिकायत

शिकायतकर्ता लिपिक संजीव गुप्ता बताते है कि पूरे मामले में उनके साथ छल हुआ है। इस संबध में मंडलायुक्त से शिकायत की गयी है।

9 जनवरी को बनी कमेटी, 21 को हुआ प्रमोशन

प्रमोशन की रूपरेखा अपर आयुक्त चैत्रा वी के आरएफसी रहते रची गयी थी। आरएफसी ने 9 जनवरी को प्रमोशन कमेटी बनाने का आदेश दिया। इसी दिन कमेटी गठित हुई, कमेटी की बैठक हुई और कमेटी ने भ्रष्ट और क्रिमिनल बैकग्राउन्ड के बाबुओं के लिए प्रमोशन की राह खोल दी। चैत्रा वी ने 20 जनवरी को आरएफसी का चार्ज छोड़ा और 21 जनवरी को प्रभारी आरएफसी कौशलदेव ने चार बाबुओं को जूनियर से सीनियर कर दिया।

इस फैसले में नियम को ताक पर रखकर मंडल की सीनियरिटी के बजाय स्टेट सीनियरिटी की लिस्ट का इस्तैमाल किया गया। जिन चार बाबुओं को प्रमोशन मिला उनमें राहुल भूषण गौड़ सरकारी अनाज बेचने के दो आपराधिक मामलों में चार्जशीटेड हैं। उस पर ब्लैकमार्केटिंग और घपलों में लाखों रूपये की रिकवरियां जारी है और हाल ही में वह दो बार सस्पेंड हो चुका है। उसकी सर्विसबुक पर कई ए़डवर्स एंट्रीज भी है।

दीपक वर्मा और विनीत कुमार भी अपने कृत्यों के चलते एडवर्स एंट्री हासिल कर चुके हैं। जबकि अमित कुमार विभाग के बेहद जूनियर्स में गिने जाते हैं।

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मुझे नहीं मालूम कि राहुल पर दर्ज हैं केस

डिप्टी आरएमओ कौशलदेव से जब बाबुओं का कैरेक्टर पूछा गया तो वह बगलें झांकने लगे। उन्होंने बताया कि उन्हें नहीं मालूम कि राहुल भूषण गौड़ के खिलाफ दर्ज मुकदमों में चार्जशीट दाखिल हैं।

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