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मायावती ने बसपा नेता के बेटे की शादी पर तोड़ी चुप्पी, बताई पार्टी से निकालने की असली वजह

Mayawati Clears BSP Leader Surendra Sagar Expel Reason: कहा जा रहा था कि बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी के नेता सुरेंद्र सागर को इसलिए पार्टी से निकाल दिया क्योंकि उन्होंने अपने बेटे की सपा विधायक की बेटी से शादी की थी।

मायावती ने सुरेंद्र सागर के बेटे की शादी मामले पर दी सफाई।
Mayawati Clears BSP Leader Surendra Sagar Expel Reason: बहुजन समाज पार्टी (BSP) के दिग्गज नेता और रामपुर के 5 बार जिलाध्यक्ष रह चुके सुरेंद्र सागर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कहा जा रहा है कि मायावती ने सागर को इसलिए पार्टी से निकाला क्योंकि उन्होंने समाजवादी पार्टी के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से अपने बेटे अंकुर सागर की शादी की थी। हालांकि त्रिभुवन भी पहले बसपा के साथ थे, लेकिन बाद में वह सपा में शामिल हो गए। इस मामले पर मायावती ने शुक्रवार को चुप्पी तोड़ दी।

भिड़ सकते थे दोनों पार्टियों के लोग 

उन्होंने एक्स पर लिखा- BSP Ex-MP मुनकाद अली के लड़के की शादी में पार्टी के लोगों को इसलिए रोका गया, क्योंकि इनकी लड़की मीरापुर से सपा से विधानसभा का उपचुनाव लड़ रही थी। उनके खिलाफ BSP भी यह उपचुनाव लड़ रही थी। ऐसे में शादी में दोनों पार्टियों के लोगों के आपस में टकराने की चर्चा थी। उससे बचाने के लिए पार्टी को फिर मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा, लेकिन इसे दूसरे तरीके से जो प्रचारित किया जा रहा है, यह ठीक नहीं।

आपसी झगड़े की वजह से दोनों को निकाला गया 

इसी तरह रामपुर जिले का पूर्व पार्टी अध्यक्ष सुरेन्द्र सागर और इसके बाद पार्टी अध्यक्ष प्रमोद कुमार का इनसे आपसी झगड़ा चरम पर था, जिससे पार्टी के कार्य सफर कर रहे थे। तब फिर दोनों को एक साथ निकाला गया, जिसका शादी-विवाह का कोई सम्बन्ध नहीं है। कौन किस पार्टी के लोगों के साथ अपना रिश्ता बना रहा है, उसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। लोग स्वतंत्र हैं। जहां चाहें वहां रिश्ता करें। यह सब उनकी सोच पर निर्भर करता है, लेकिन ऐसे लोगों से सर्तक जरूर रहें, जो इसका भी गलत प्रचार कर रहे हैं। ये भी पढ़ें: UP में करारी हार के बाद मायावती का बड़ा ऐलान, बोलीं- BSP नहीं लड़ेगी उपचुनाव

कौन हैं सुरेंद्र सागर? 

सुरेंद्र सागर न केवल बसपा के चार बार के जिलाध्यक्ष रहे, बल्कि बसपा के टिकट पर दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें राज्यमंत्री तक का दर्जा प्राप्त था। हालांकि उन्हें बिना नोटिस सीधे निष्कासित कर दिया गया। ये भी पढ़ें: ‘तुम्हारे बाप को कोई गोली मार देता तो क्या करते…’, यूपी प्रशासन पर क्यों भड़के बीजेपी नेता जय प्रकाश निषाद? 


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