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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को बड़ा झटका, इस नेता समेत 127 कार्यकर्ताओं का इस्तीफा

चुनाव से ठीक पहले अलीगढ़ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष फराज रिजवी समेत 127 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है। वक्फ संशोधन बिल और धार्मिक स्थलों के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर यह बड़ा कदम उठाया गया है।

Waqf Bill Religious Politics
अनिल चौधरी, अलीगढ़  अलीगढ़ जिले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अल्पसंख्यक विभाग को बड़ा नुकसान हुआ है। इस संगठन के अध्यक्ष फराज रिजवी ने अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है। उनके साथ-साथ पार्टी के 127 लोगों ने भी एक साथ पार्टी छोड़ दी है। फराज रिजवी ने कहा कि उन्होंने यह फैसला वक्फ संशोधन बिल को पार्टी द्वारा समर्थन देने और धार्मिक जगहों को राजनीति में शामिल करने के विरोध में लिया है। उनका कहना है कि यह बिल अल्पसंख्यकों के हक के खिलाफ है। फराज रिजवी और बाकी सदस्यों का कहना है कि पार्टी अब अल्पसंख्यक समाज की भलाई के लिए काम नहीं कर रही है, इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी। चुनाव के समय पर हुई यह घटना पार्टी के लिए बहुत बड़ा नुकसान मानी जा रही है।

वक्फ संशोधन बिल और दरगाह विवाद बने कारण

फराज रिजवी ने जानकारी देते हुए बताया कि SBSP प्रमुख ओमप्रकाश राजभर द्वारा वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया गया, जो मुस्लिम समाज के हितों के खिलाफ है। इसके अलावा हाल ही में प्रयागराज के सिकंदरा क्षेत्र में स्थित सैयद मसूद गाजी की दरगाह पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा भगवा झंडा फहराया गया, जो अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। फराज रिजवी ने यह भी बताया कि इन घटनाओं के विरोध में पार्टी नेतृत्व से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

'धार्मिक स्थलों का राजनीतिकरण स्वीकार नहीं'

फराज रिजवी ने मीडिया को बताया, “हमने पार्टी से यह उम्मीद की थी कि वह सभी समुदायों के हितों की रक्षा करेगी। लेकिन अब SBSP की नीतियां अल्पसंख्यकों के मुद्दों से भटक गई हैं। धार्मिक स्थलों का राजनीतिक इस्तेमाल हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। यही कारण है कि मैंने और मेरे साथियों ने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला लिया।” इस्तीफा देने वालों में अलीगढ़ के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों के मंडल, महानगर और जिला स्तरीय कई पदाधिकारी भी शामिल हैं।

SBSP के लिए चुनाव से पहले बड़ा झटका

यह सामूहिक इस्तीफा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है। आगामी चुनावों में अल्पसंख्यक मतदाताओं की भूमिका अहम मानी जा रही है। ऐसे में इस वर्ग के बड़े हिस्से का पार्टी से मोहभंग होना चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। फराज रिजवी जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी का पार्टी छोड़ना SBSP के लिए चिंताजनक संकेत है। अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व इस संकट से कैसे निपटता है और क्या कोई समाधान निकालता है या नहीं।


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