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‘योगी सरकार के अपराध की सजा भुगत रहे UP के 14 बच्चे’, HIV संक्रमित खून चढ़ाने पर खड़गे बोले- ये शर्मनाक है

Mallikarjun Kharge Over Yogi Government: कानपुर में सरकारी लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में इलाज करा रहे 14 बच्चों में हेपेटाइटिस और एचआईवी की पुष्टि हुई है।

Mallikarjun Kharge
Mallikarjun Kharge Over Yogi Government For HIV Infected Blood Transfusion To 14 Children: उत्तरप्रदेश के कानपुर में 14 बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने के मामले को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने बुधवार को कहा कि निर्दोष बच्चे भाजपा के अपराध की सज़ा भुगत रहे हैं। बता दें कि कानपुर के एक अस्पताल में 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने का मामला सामने आया था। संक्रमित खून के चढ़ाए जाने के बाद बच्चों में हेपेटाइटिस बी, सी और एचआईवी की पुष्टि हुई थी।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को दोगुना बीमार बना दिया है। यूपी के कानपुर के एक सरकारी अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को एचआईवी एड्स और हेपेटाइटिस बी, सी जैसी गंभीर बीमारियां हो गईं। यह गंभीर लापरवाही शर्मनाक है।

खड़गे ने पीएम मोदी पर भी साधा निशाना

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ने दशहरा उत्सव के बीच 10 प्रतिज्ञाएं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि मंगलवार को मोदी जी हमें 10 संकल्प लेने की बड़ी-बड़ी बातें सिखा रहे थे, क्या उन्होंने कभी अपनी भाजपा सरकारों के लिए रत्ती भर भी जवाबदेही तय की है? बता दें कि सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना में, उत्तर प्रदेश के कानपुर में सरकारी लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में इलाज करा रहे 14 बच्चों में हेपेटाइटिस और एचआईवी की पुष्टि हुई। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों को अब थैलेसीमिया की स्थिति के अलावा अधिक जोखिम का सामना करना पड़ रहा है।

6 से 16 साल के बीच है सभी 14 बच्चों की उम्र

अधिकारियों के अनुसार, 14 बच्चों की उम्र 6 से 16 वर्ष के बीच है। वे अस्पताल में इलाज करा रहे 180 थैलेसीमिया रोगियों में से हैं। संक्रमित बच्चों में से सात को हेपेटाइटिस बी, पांच को हेपेटाइटिस सी और दो को एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है। कथित तौर पर, बच्चे राज्य के विभिन्न हिस्सों से हैं, जिनमें कानपुर शहर, देहात, फर्रुखाबाद, औरैया, इटावा और कन्नौज शामिल हैं। एक अधिकारी ने कहा कि जिला स्तर के अधिकारी वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत संक्रमण की जड़ का पता लगाएंगे। टीम हेपेटाइटिस और एचआईवी दोनों के लिए संक्रमण के स्थान की तलाश करेगी।


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