TrendingPollutionLionel MessiGoa

---विज्ञापन---

लखनऊ से कानपुर जाना अब और भी आसान, रूट पर 120 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें

लखनऊ से कानपुर का सफर अब और भी कम समय में पूरा होगा। इस रूट पर ट्रेनें 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। इससे जनता को ही नहीं बल्कि व्यापारियों और सरकार को भी फायदा पहुंचेगा।

Photo Credit Freepik
लखनऊ से कानपुर की यात्रा अब और भी आसान हो जाएगी। इस रेल मार्ग पर अब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। इससे लोगों के समय की भी बचत होगी। इसके लिए पहले 75 से 90 मिनट लगता था, वहीं अब 40 से 45 मिनट का समय लगेगा। इस अपग्रेड से मार्ग का इस्तेमाल करने वाले लगभग 50,000 यात्रियों के लिए हर रोज यात्रा का समय बचेगा। रफ्तार में बढ़ोतरी पुराने गंगा रेल पुल की मरम्मत के बाद की गई है, जहां ट्रेन की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 45 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई है। पुल का व्यापक रखरखाव किया गया, जिसमें हर रोज 9 घंटे के मेगा ब्लॉक के दौरान एच-बीम स्लीपर लगाना शामिल है।

ट्रेन चलने के लिए तैयार

बता दें कि इस रूट पर ट्रैक आधुनिकीकरण का काम अब काफी हद तक पूरा हो चुका है। स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस, चित्रकूट एक्सप्रेस और तेजस एक्सप्रेस के हाई-स्पीड ट्रायल सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं, जिससे यह पुष्टि हो गई है कि इस रूट पर ट्रेनें तेज रफ्तार से चलने के लिए तैयार हैं। दिसंबर 2024 में टेस्टिंग के बाद, इस रूट पर ट्रेन की गति बढ़ाने के लिए काम जारी है। कानपुर सेंट्रल के निदेशक आशुतोष सिंह ने कहा कि परिचालन दक्षता में सुधार के लिए लंबे समय से की जा रही कोशिशें अब फल दे रही हैं, जिससे यात्रियों को तेज और ज्यादा विश्वसनीय सेवा का फायदा मिलने वाला है। ये भी पढ़ें- 508 किमी रूट, 320 KMPH स्पीड… महज इतने घंटे में मुंबई से अहमदाबाद पहुंचाएगी बुलेट ट्रेन, जापान में ट्रायल शुरू

कब होगी शुरुआत

कहा जा रहा है कि जून में ही ट्रेनों की औसतन रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा के हिसाब से इस रूट पर कर दी जाएगी। इससे लोगों को यात्रा करने में आसानी होगी और समय की भी बचत होगी। इसके साथ ही लोगों को भीड़ का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। वहीं जो लोग रोज ट्रेन से यात्रा करते हैं, उनका सफर और भी सुगम हो जाएगा, क्योंकि हर रोज 50 हजार से भी ज्यादा यात्री कानपुर से लखनऊ की यात्रा करते हैं।

लखनऊ से कानपुर की दूरी

बता दें कि लखनऊ और कानपुर की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। साथ ही ये दोनों राज्य सबसे बड़े औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्रों में गिने जाते हैं। इसके लिए हर रोज हजारों लोग दोनों ही प्रदेशों में सफर करते हैं। ऐसे में इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से आम जनता ही नहीं बल्कि सरकार को भी फायदा होगा और जनता की यात्रा भी सुरक्षित और आरामदायक होगी। ये भी पढ़ें- भारतीय रेलवे ने जून में 18 ट्रेनें कीं कैंसिल, यहां देखें पूरी लिस्ट


Topics:

---विज्ञापन---