Who Is Vadic Priest Laxmikant Mathuranath Dixit: अयोध्या के Ram Mandir में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाराणसी के 86 साल के एक वैदिक विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित कराएंगे। पंडित लक्ष्मीकांत प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पुजारियों का नेतृत्व करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण पत्र में बाकायदा इनका नाम अंकित किया गया है। 22 जनवरी 2024 को पूरे रीति रिवाज के साथ वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों Ram Mandir के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। पंडित लक्ष्मीकांत सदियों पुरानी परंपराओं और वैदिक अनुष्ठानों के ज्ञाता हैं। उनका कनेक्शन सीधा शिवाजी महाराज से है, उनकी वंशावली में इसका प्रमाण मिला है।
पंडित गंग भट्ट के वंशज हैं पंडित लक्ष्मीकांत
मीडिया रिपोर्ट के अुनसार, पंडित लक्ष्मीकांत का संबंधी 17वीं शताब्दी के प्रसिद्ध विद्वान काशी के पंडित गंग भट्ट से रहा। उन्होंने स्वतंत्र मराठा राज्य के सम्राट शिवाजी का राज्याभिषेक कराया था। करीब 350 साल पहले 1674 में छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था, जो पंडित गंग भट्ट ने कराया था और पंडित लक्ष्मीकांत उन्हीं के वंशज हैं। पंडित लक्ष्मीकांत के बेटे सुनील लक्ष्मीकांत दीक्षित बताते हैं कि वे महाराष्ट्र के सोलापुर के जेउर गांव से है। पूर्वज काशी जाकर बस गए थे और वहां जाकर उन्होंने हिन्दू परंपराओं और अनुष्ठानों को जीवन समर्पित कर दिया। पिता श्रोता, स्मार्ता, यज्ञ, अभिषेक और अन्य अनुष्ठान कराने के विशेषज्ञ हैं।
कुल 121 विद्वानों की टीम कराएगी अनुष्ठान
सुनील लक्ष्मीकांत दीक्षित बताते हैं कि उनके पिता पंडित लक्ष्मीकांत ने वेदों और अनुष्ठानों का ज्ञान अपने चाचा गणेश दीक्षित जावजी भट्ट से लिया। उन्होंने संगवेद विद्यालय में शुक्ल यजुर्वेद में पढ़ाई की और उसी संस्थान में अध्यापन कार्य भी किया। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो जाएंगे। पंडित लक्ष्मीकांत और 121 अन्य विद्वान अनुष्ठान कराएंगे। इस टीम में 40 से ज्यादा विद्वान काशी के हैं। वहीं पंडित लक्ष्मीकांत ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने का मौका मिलने पर खुशी जाहिर की और कहा कि काशी के महान साधु-संतों के आशीर्वाद के कारण मुझे जिम्मेदारी मिली, जिसका शिद्दत से निर्वहन करुंगा।
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