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Kedarnath Yatra 2023: खच्चर को सिगरेट पिलाने के वीडियो पर बवाल; लोगों ने कहा- ये क्रूरता, जिम्मेदारों ने बताया नुस्खा

Kedarnath Yatra 2023: उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो एक खच्चर को नाक से सिगरेट पिलाने का है, जिसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे पशुओं पर क्रूरता कह रहे हैं तो कुछ लोग इसे स्थानीय उपाय (Remedy) है। […]

Kedarnath Yatra 2023: उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो एक खच्चर को नाक से सिगरेट पिलाने का है, जिसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे पशुओं पर क्रूरता कह रहे हैं तो कुछ लोग इसे स्थानीय उपाय (Remedy) है। हालांकि वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद पुलिस भी हरकत में आ गई है।

यहां का बताया गया है वीडियो

जानकारी के मुताबिक अभी हाल ही में केदारनाथ यात्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। ये वीडियो केदारनाथ यात्रा मार्ग में भीमबली से ऊपर लिनचोली स्थित थारू कैंप का बताया गया है। वीडियो में देखा गया था कि कुछ स्थानीय घोड़ा-खच्चर वाले युवक एक खच्चर को उसकी नाक द्वारा सिगरेट पिला रहे थे। वीडियों में आरोप लगाया गया था कि सिगरेट में नशीला पदार्थ था।

अभिनेत्री रवीना टंडन ने किया ट्वीट

वीडियो को सामने आने के बाद तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री रवींना टंडन ने भी इस वीडियो पर अपना कमेंट किया था। रवीना ने इस वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा था कि क्या हमारे ववित्र स्थानों पर घोड़ों के साथ होने वाले अत्याचार को रोक सकते हैं। अपनी ट्वीट में रवीना ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी टैग किया है।

हिमालयन घोड़ा-खच्चर यूनियन के सदस्य ने जारी किया बयान

बताया गया है कि वीडियो के तेजी से वायरल होने और कई लोगों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद उत्तराखंड पुलिस ने कार्रवाई की है। अब इस कार्रवाई के बीच बचाव में भी लोगों के बयान सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक वीडियो जारी करते हुए स्थानीय व्यापार यूनियन के अध्यक्ष और हिमालयन घोड़ा-खच्चर यूनियन के सदस्य जयदीप चौहान ने अपना पक्ष रखा है। [videopress lvWnVNAG]

भावनाओं को ठेस पहुंची तो मांफी

जयदीप चौहान ने कहा है कि यह प्रक्रिया पशु को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि उसे ठीक करने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा है कि करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर घोड़ों और खच्चरों को पेट में गैस की समस्या हो जाती है। पूर्वजों के समय से वे घोड़ों-खच्चरों का इस तरह से इलाज करते हुए आ रहे हैं। जयदीप ने बताया कि घोड़ा इस वक्त एकदम स्वस्थ्य है। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो हम मांफी मांगते हैं। उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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