Joshimath Sinking Update: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में हालात अभी तक सामान्य नहीं हो पाए हैं। प्रभावित लोगों की मदद करने के साथ साथ उत्तराखंड के अधिकारी स्थिति की निगरानी में लगे हुए हैं। मकानों, इमारतों और सड़कों समेत अन्य क्षेत्र में देखी गई दरारों में अभी बढ़ोत्तरी हो रही हैं। हालांकि आपदा प्रबंधन सचिव की ओर से कहा गया है कि सर्वे जारी है।
पुरानी दरारों में हुई इतनी बढ़ोत्तरी
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि हम प्रभावित इलाके (Joshimath Sinking) का निरीक्षण कर रहे हैं कि। इस दौरान देखा जा रहा है कि क्या क्षेत्र में कोई नई दरार आई है? उन्होंने बताया कि पुरानी दरारों में करीब 1 मिमी की मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन उनकी निगरानी की जा रही है। निगरानी के साथ-साथ हम एक पैटर्न भी ढूंढ रहे हैं, ताकि भविष्य में कोई नुकसान न हो।
PMO उप सचिव ने किया दौरा
उन्होंने बताया कि हमारी सभी टीमें यहां जांच के लिए पहुंच चुकी हैं। अब उनकी रिसर्च बताएगी कि इसके पीछे की असल वजह क्या है? रिसर्च रिपॉर्ट आने के बाद उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच पीएमओ में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने रविवार को जोशीमठ के मारवाड़ी स्थित जेपी कंपनी और उसके आसपास की दरारों का निरीक्षण किया।
26 डॉक्टरों की तैनाती, दो मनोवैज्ञानिक पर लगाए
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार से एएनआई को बताया कि सरकार जोशीमठ आपदा को लेकर सभी प्रभावितों की मदद कर रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी अलर्ट मोड पर हैं। रोटेशन के आधार पर 26 डॉक्टरों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही दो मनोवैज्ञानिक भी तैनात किए गए हैं, जो लोगों की काउंसलिंग कर रहे हैं।
प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी जारी
उन्होंने बताया कि जोशीमठ में सभी प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं। मैं जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं। अगर स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई समस्या है, तो उसका तुरंत समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की हर संभव मदद की जा रही है।