Kedarnath Helicopter Crash: उत्तराखंड में रविवार सुबह चारधाम यात्रा के दौरान गौरीकुंड के पास एक और हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। इस हादसे में अभी तक 7 लोगों के मारे जाने की खबर है। बता दें कि बीती 7 जून को भी यहां तकनीकी कारणों से बीच सड़क पर हेलीकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी। ताजा हादसे में खराब मौसम इस घटना का प्रारंभिक कारण बताया जा रहा है।
हालांकि उत्तराखंड प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच के बाद ही हादसे के स्पष्ट कारणों के बारे में पता चलेगा। यहां बता दें कि चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर क्रैश होने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जबकि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ऐसे हादसों को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठा चुका है।
बचाव कार्य में जुटीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें
हादसे की सूचना मिलने के बाद ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल की तरफ निकल चुकीं हैं। प्रशासन ने घटनास्थल के आसपास 500 मीटर से अधिक का एरिया घेर लिया है। शवों को जिला अस्पताल में रखवा दिया है। बता दें ये हादसा केदारनाथ धाम से फाटा जाते हुए रास्ते में हुआ है। पायलट समेत सभी लोगों की इस हादसे में मौत हो गई है। शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
थम नहीं रहीं हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाएं, DGCA ने उठाए थे ये सख्त कदम
चारधाम यात्रा में सुरक्षा और प्रबंधों को लेकर उत्तराखंड समेत केंद्र सरकार एक्टिव है। हेलीकॉप्टर क्रैश के हुए पुराने हादसों के बाद प्रशासन ने भविष्य में ऐसे हादसे न हों इसके लिए हेलीकॉप्टर के फेरे घटा दिए थे। मसलन एक औसत के अनुसार हेलीकॉप्टर रोजाना करीब 200 फेरे लगाते हैं। डीजीसीए ने नए नियम लागू करते हुए एक घंटे में केवल 2 बार ही हेलीकॉप्टर उठाने की अनुमति दी है।
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