Heatstroke in UP: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में 72 घंटे में 54 मौतों के मामले की जांच शुरू कर हो गई है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने आदेश पर लखनऊ से भेजी गई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। साथ ही साथ अस्पताल में व्यवस्थाओं को परखा।
लखनऊ से बलिया पहुंचे स्वास्थ्य विभाग निदेशक डॉ. के एन तिवारी ने बताया कि हमने जिला अस्पताल की स्थिति का निरीक्षण किया गया है। गर्मी के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में व्यवस्थाओं में सुधार किया गया है।
मरीजों के लिए जा रहे हैं नमूने
मरीजों के लिए वार्डों में पांच कूलर लगाए गए हैं और उन्हें गर्मी से राहत मिल रही है। उन्होंने बताया कि एक गांव में सिर्फ एक की मौत की सूचना है और वह भी टीबी का मरीज था। हम यह पता लगाने के लिए सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं कि क्या इन मौतों के पीछे कोई और कारण है। डॉ. केएन तिवारी ने बताया कि मरीजों से नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं।
उधर दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से भी एक ऐसी ही खबर सामने आई है। यहां जून में चार लोगों की मौत हुई थी। महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एचके मिश्रा ने बताया कि हालांकि पुष्टि होने से पहले ही इन चारों की मौत हो गई। आशंका है कि मामला हीटस्ट्रोक का हो सकता है।
लखनऊ से भेजे गए थे ये अधिकारी
बता दें कि बलिया मामले की जानकारी होने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में संचारी रोग के निदेशक डॉ. एके सिंह और निदेशक डॉ. केएन तिवारी को बलिया भेजा था। साथ ही साथ बलिया के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी मरीजों की खास निगरानी के निर्देश दिए थे। ब्रजेश पाठक की ओर से कहा गया है कि सभी अस्पतालों में गर्मी से बचाव के इंतजाम किए जाएं।
बलिया जिला अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक एसके यादव ने बताया था कि 15 जून को 154 लोग भर्ती हुए थे। इस दिन अलग-अलग कारणों से 23 लोगों की मृत्यु हुई थी। 16 तारीख को 137 मरीज भर्ती हुए थे, जिनमें 20 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि 17 जून को 11 लोगों की मृत्यु हुई है। अधीक्षक ने बताया कि सभी लोगों की मृत्यु के कारण अलग-अलग हैं। आशंका है कि इसमें लू लगने से बीमार मरीज भी हैं।
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