Haridwar: उत्तराखंड के हरिद्वार में पतंजलि आश्रम में संन्यास दीक्षा महोत्सव के आठवें दिन बुधवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे। भागवत ने चतुर्वेद पारायण यज्ञ में आहूति दी। इस दौरान संघ प्रमुख ने भगवा त्याग का पर्याय है। त्याग से ही वह प्राप्त होता है जो संपूर्ण सत्य है।
आगे उन्होंने कहा कि सनातन को किसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। सनातन कल भी था, आज भी है और कल भी रहेगा। हमें अपने आचरण से लोगों को सनातन समझाना पड़ेगा।
भगवा को है वैज्ञानिक मान्यता
मोहन भागवत ने संन्यासियों से कहा कि आप भगवा धारण का देश की शान बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं। भगवा ही है जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
उन्होंने एक उदाहरण भी दिया। कहा कि सुबह होते ही लोग काम में लग जाते हैं। दिन के प्रकाश में आप सो नहीं सकते हैं। कुछ न कुछ अंधेरा करना पड़ता है। ये कर्मशीलता का भी प्रतीक है। मदुरई में मीनाक्षी मंदिर है। वहां साइंस म्यूजियम है। विभिन्न रंगों के मनुष्य के स्वभाव पर क्या प्रभाव पड़ता है? इसकी जानकारी दी गई है। उसमें भगवा रंग भी है। दीवारों के भगवा रंग में कर दो, भगवा शॉल पहनो तो उसका न्यायप्रियता, न्यायशीलता का स्वभाव बनता है। कुल मिलाकर आत्मीयता का स्वभाव बनता है। विज्ञान भी इसे मानता है।
31 मार्च को संन्यास दीक्षा कार्यक्रम
स्वामी रामदेव के 29वें संन्यास दिवस के मौके पर 21 मार्च से हिंदू नववर्ष पर 10 दिवसीय संन्यास दीक्षा महोत्सव का शंखनाद किया गया। यह कार्यक्रम 31 मार्च तक चलेगा। रामनवमी के दिन करीब 40 बहनें और 60 भाई स्वामी रामदेव से संन्यास की दीक्षा लेंगे। वहीं, 500 अन्य लोग आचार्य बालकृष्ण से ब्रह्मचर्य की दीक्षा लेंगे।
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