Gyanvapi ASI Survey:इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले के बाद एकबार फिर से वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने सर्वे शुरू कर दिया है। आर्कियोलॉजिल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने सर्वे को लेकर ज्ञानवापी परिसर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एएसआई टीम इस बात का पता लगा रही है कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 17वीं शताब्दी की हिंदू मंदिर पर किया गया या नहीं।
एडीजी एएसआई आलोक त्रिपाठी की अगुवाई में 50 से अधिक एएसआई के अधिकारी और कर्मचारिय ज्ञानवापी परिसर की सर्वे (Gyanvapi ASI Survey) में जुटी हुई है। इस सर्वे में डीपीआर जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इससे पहले 3 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ज्ञानवापी परिसर मामले पर सुनवाई करते हुए एएसआई को सशर्त सर्वे की अनुमित दी थी। गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (Anjuman Inazaniya Masajid Committee) की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे (Gyanvapi ASI Survey) पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
दरअसल वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को इजाजत दी थी और 4 अगस्त को एएसआई से रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। वहीं वाराणसी जिला कोर्ट के इस फैसले कि खिलाफ मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया कमेटी (Anjuman Inazaniya Masajid Committee) फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और सर्वे पर रोक लगाने की मांग की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सर्वे पर अंतरिम रोक लगा दी और मुस्लिम पक्षकारों से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कहा।
इसके बाद अंजुमन इंतजामिया कमेटी (Anjuman Inazaniya Masajid Committee) ने इस सिलसिले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) पहुंचा। जिसके बाद जस्टिस प्रितिंकर दिवाकर की पीठ ने 3 अगस्त को मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले को न्याय संगत बताते हुए एएसआई को सशर्त सर्वे (Gyanvapi ASI Survey) को मंजूरी दे दी। साथ ही कोर्ट ने ASI के कहा कि सर्वेक्षण के दौरान संरचना को कोई नुकसान और मस्जिद परिसर में खुदाई का कोई काम नहीं होनी चाहिए।
खबरों के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्षकार आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख कर सकता है।
और पढ़िए –देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें