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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सोसायटी की महिलाओं ने काटा बवाल, बिल्डर की वजह से पानी को तरसे

Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अजनारा होम्स सोसायटी में 14 दिन बाद भी सात टैंकों की सफाई का काम बाकी है। लोग बीमारी से बचाव के लिए पानी को उबालकर या फिर बाजार से बोतल खरीदकर सेवन करने के लिए मजबूर हैं।

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Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अजनारा होम्स सोसायटी की महिलाओं ने मंगलवार को पानी को लेकर जमकर हंगामा काटा। महिलाओं का आरोप है कि पानी के टैंकों की सफाई तेजी से नहीं की जा रही है। जिसके बाद महिलाओं ने बिल्डर प्रबंधन कार्यालय में जाकर विरोध जताया। आरोप है कि दूषित पेयजल के कारण लोग सप्लाई के पानी का इस्तेमाल करने से डर रहे। लोगों का कहना है कि जांच रिपोर्ट में भी टैंक का पानी पीने योग्य नहीं आया है। 600 से अधिक लोग पड़ चुके बीमार अजनारा होम्स सोसायटी में दूषित पेयजल के सेवन से करीब 600 से अधिक लोग बीमार पड़ चुके हैं। इसके चलते लोग सप्लाई के पेयजल का सेवन नहीं कर रहे। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण के दौरान एम पावर के टैंक में काफी अधिक गंदगी पाई गई थी। इसे साफ करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने दिए, लेकिन अब तक टैंक सफाई नहीं हुई। लोगों ने निजी लैब से पानी की जांच कराई। रिपोर्ट में अंदर पानी पीने योग्य नहीं आया। तब से निवासियों की चिंता और अधिक बढ़ गई। इसे देखते हुए एम टावर की महिलाएं बिल्डर प्रबंधन कार्यालय पहुंचीं और अपनी नाराजगी जाहिर की। लोग पानी खरीदकर पीने को मजबूर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और स्वास्थ्य विभाग द्वारा टैंक की सफाई जल्द करने के लिए बिल्डर प्रबंधन को निर्देश दिए। इसके 14 दिन बाद भी सात टैंकों की सफाई का काम बाकी है। लोग बीमारी से बचाव के लिए पानी को उबालकर या फिर बाजार से बोतल खरीदकर सेवन करने के लिए मजबूर हैं। वहीं, मेंटेनेंस हेड हेमंत राणा ने बताया कि सभी टैंकों की सफाई कार्य चल रहा है। जल्दी कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। टैंक की सफाई, सिर्फ खानापूर्ति लोगों का आरोप है कि सोसायटी के किसी भी ओवरहेड टैंक पर ढक्कन नहीं लगे हैं। सारे टैंक खुले हैं। ऐसे में उनके अंदर कुछ भी गिर सकता है, जो लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। बिल्डर प्रबंधन ने किसी भी टैंक पर ढक्कन नहीं लगवाए हैं। लगातार बिल्डर प्रबंधन से टैंकों की सफाई के लिए बोला जाता है, लेकिन उसे सही से नहीं कराया जाता। बीमार पड़ने के बाद भी टैंक की सफाई की गई, जिसमें भी खानापूर्ति ही की जा रही है।


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