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संघर्षों से निकली ग्रेटर नोएडा की बेटी शिवानी, सिल्वर जीतकर BSF में आउट आफ टर्न प्रमोशन

Greater Noida News: आर्थिक तंगी और मुश्किल हालात भी ग्रेटर नोएडा के दादरी की बेटी शिवानी प्रजापति के हौसले को नहीं तोड़ सके. वुशु खिलाड़ी और बीएसएफ की जवान शिवानी ने मेहनत और लगन के दम पर नया मुकाम हासिल किया है.

Greater Noida News: आर्थिक तंगी और मुश्किल हालात भी ग्रेटर नोएडा के दादरी की बेटी शिवानी प्रजापति के हौसले को नहीं तोड़ सके. वुशु खिलाड़ी और बीएसएफ की जवान शिवानी ने मेहनत और लगन के दम पर नया मुकाम हासिल किया है. बीएसएफ डीजी दलजीत चैधरी ने उन्हें आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देकर कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बना दिया है.

बधाई देने वालों का लगा तांता

प्रमोशन की खबर मिलते ही कटैड़ा मोड़ स्थित घर पर लोगों का तांता लग गया. भैया दूज के दिन शिवानी के घर दीपावली जैसी रौनक देखने को मिली. पड़ोसी, रिश्तेदार और खेल प्रेमी मिठाई लेकर बधाई देने पहुंचे. गांव में बेटी की सफलता की चर्चा पूरे दिन होती रही.

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पिता बढ़ई, मां चलाती हैं दुकान

शिवानी के पिता रविंद्र प्रजापति बढ़ई का काम करते हैं, जबकि मां मिथलेश प्रजापति कस्मेटिक की दुकान चलाती हैं. घर की आमदनी सीमित होने के बावजूद दोनों ने बेटी के खेल करियर को कभी रुकने नहीं दिया. शिवानी बताती हैं कि माता-पिता ने हर वक्त उनका साथ दिया. उनकी बदौलत ही आज यह मुकाम मिला है.

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2016 में जीता पहला पदक

शिवानी ने 2016 में तमिलनाडु में आयोजित नेशनल वुशु प्रतियोगिता में पहला कांस्य पदक जीता था. इसके बाद उनके कोच अमित रौसा और स्कूल चेयरमैन अनिल नागर ने उन्हें हर संभव सुविधा दी. पिता बताते हैं कि बेटी खेल के साथ-साथ घर के कामों में भी आगे रहती थी. डेयरी और दुकान दोनों में हाथ बंटाती थी.

बीएसएफ में जून में ज्वॉइनिंग, सितंबर में रजत

शिवानी ने एक जून को खेल कोटे से बीएसएफ में कांस्टेबल पद पर ज्वॉइन किया. मात्र 3 महीने बाद ही उन्होंने सितंबर में राष्ट्रीय वुशु चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतकर बीएसएफ और देश का नाम रोशन किया. इसी उपलब्धि पर उन्हें प्रमोशन देकर हेड कांस्टेबल बनाया गया. वह फिलहाल बीएसएफ कैंप छावला, दिल्ली में तैनात हैं.

विश्व कप पर नजर

शिवानी का अगला लक्ष्य 2026 में होने वाले विश्व वुशु कप में स्वर्ण पदक जीतना है. वह रोजाना चार घंटे अभ्यास करती हैं और कहती हैं कि देश के लिए गोल्ड जीतना ही उनका लक्ष्य है.

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