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Cyber Crime News: नोएडा के शख्स ने की 14 करोड़ की ठगी; भुवनेश्वर पुलिस ने किया अरेस्ट, तरीका जान रह जाएंगे हैरान

Cyber Crime News: ओडिशा के भुवनेश्वर में पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक ठगी का अनोखा मामला पकड़ा है। यहां फिटनेस कंपनी के अधिकारी ने पुलिस ने शिकायत की कि क्यूआर कोड में हेराफेरी करके उत्तर प्रदेश नोएडा के एक शातिर ने 14 करोड़ रुपये का चूना लगा लगाया है। हालांकि पुलिस ने आरोपी […]

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Cyber Crime News: ओडिशा के भुवनेश्वर में पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक ठगी का अनोखा मामला पकड़ा है। यहां फिटनेस कंपनी के अधिकारी ने पुलिस ने शिकायत की कि क्यूआर कोड में हेराफेरी करके उत्तर प्रदेश नोएडा के एक शातिर ने 14 करोड़ रुपये का चूना लगा लगाया है। हालांकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

नोएडा के रहने वाले हैं दोनों आरोपी भाई

भुवेश्वर पुलिस ने मामले में 6 जुलाई को उत्तर प्रदेश के नोएडा में सेक्टर-19 में रहने वाले करण कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस आरोपी को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भुवनेश्वर ले गई है। ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जेएन पंकज की ओर से बताया गया है कि ईओडब्ल्यू ने 29 जून को भुवनेश्वर स्थित फिनटेक कंपनी 'आईसर्वयू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड' के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी संजीब कुमार परिदा की ओर से दायर शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अप्रैल-मई 2023 के दौरान नोएडा स्थित कंपनी पेयोन डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के साथ एक समझौता किया था। शिकायत में कहा गया है कि यह समझौता डिजिटल भुगतान सेवाएं प्रदान करने और फिनोटेक सेवा की सुविधा के लिए था। इसके तहत कंपनी ने व्यावसायिक उपयोग के लिए अपना UPI API नंबर दिया था।

बैंक खाता जांचने पर खुला राज

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी करण कुमार सिंह और उनका भाई लल्लू सिंह पेओन डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। ईडब्ल्यूओ के अधिकारियों ने कहा कि शिकायतकर्ता की कंपनी की ओर से जब उनके FINO बैंक में अकाउंट जांचा गया तो देखा कि खाते में रकम काफी कम थी। जांच में पता चला कि करण सिंह और लल्लू सिंह ने कथित तौर पर क्यूआर कोड में हेराफेरी की और 14.33 करोड़ रुपये के क्रेडिट का गबन किया। अधिकारी ने एक बयान में कहा कि पेआउट वॉलेट से 125 से ज्यादा अलग-अलग बैंक खातों में धोखाधड़ी से पैसा भेजा गया था। शिकायतकर्ता कंपनी के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि घोटाले में चीनी लिंक भी हो सकता है।

और आरोपियों के शामिल होने की आशंका

पुलिस को आशंका है कि इस जटिल और बेहद तकनीकी मामले में कई अन्य आरोपी भी शामिल हैं। क्योंकि पहले इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। ईओडब्ल्यू इस मामले में विशेषज्ञों की मदद ले रहा है। ताकि मामले की गहनता से जांच की जा सके। उत्तर प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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