उत्तर प्रदेश अब सिर्फ देश का सबसे बड़ा राज्य नहीं, बल्कि भारत की सबसे तेजी से उभरती निवेश भूमि बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इन्वेस्ट यूपी द्वारा किए जा रहे नवाचारपूर्ण प्रयासों ने प्रदेश को निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बना दिया है। इसी दिशा में एक अहम कदम साबित हुई है। फोकस सेक्टर डेस्क की स्थापना, जिसने न केवल निवेश प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि उद्योग जगत में उत्तर प्रदेश की छवि को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
सीएम योगी के निर्देश पर इन्वेस्ट यूपी द्वारा गठित फोकस सेक्टर डेस्क अब प्रदेश में करोड़ों रुपये के निवेश को जुटाने में सफल रही है। टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश प्रस्ताव न केवल मंजूरी के दौर में हैं, बल्कि जल्द ही धरातल पर उतरने वाले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में फोकस सेक्टर डेस्क की रणनीति ने न केवल निवेश प्रक्रिया को गति दी है, बल्कि ‘विकसित उत्तर प्रदेश, विकसित भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में ठोस आधार भी तैयार किया है।
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भारतीय तकनीकी वस्त्र संघ (ITTA), परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (AEPC), भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (CITI) और उत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (NITRA) की साझेदारी से इस सेक्टर में ग्रासिम, ट्राइडेंट, रिलायंस, जीईएसएल और श्याम संस जैसी बड़ी कंपनियां प्रदेश में निवेश कर रही हैं। उनके प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं।
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सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM), एसीएमए, एसएमईवी और एआरएआई जैसी संस्थाओं के सहयोग से प्रदेश में ऑटोमोबाइल उद्योग को नई रफ्तार मिल रही है। अशोक लेलैंड, मिंडा और टाटा मोटर्स (विस्तार परियोजना) जैसे दिग्गज निवेश के लिए तैयार हैं।
भारतीय रासायनिक परिषद (ICC), ISCM Association और CHEMEXCIL के सहयोग से प्रदेश में रिलायंस इंडस्ट्रीज और दीपक नाइट्राइट जैसी कंपनियां बड़े निवेश की योजना पर काम कर रही हैं।
नैसकॉम के सहयोग से एडोब, एएमडी और जेपी मॉर्गन जैसी वैश्विक कंपनियां उत्तर प्रदेश में अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हैं।