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उत्तराखंड के चमोली में बड़ा हादसा, हेलंग डैम साइट पर भारी भूस्खलन, फंसे कई मजदूर

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हेलंग डैम साइट पर शनिवार को भारी भूस्खलन हुआ। घटना के वक्त लगभग 200 मजदूर डैम साइट पर काम कर रहे थे, जिनमें से कई के घायल होने की सूचना है। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में पहाड़ी से मलबा गिरते देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि यह हादसा पीपलकोटी क्षेत्र के विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट स्थल पर हुआ, जहां पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक टूटकर गिर पड़ा।

चमोली में बड़ा हादसा

उत्तराखंड के चमोली में भूस्खलन हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, चमोली के हेलंग डैम साइट पर भारी भूस्खलन हुआ है। जिस वक्त यह घटना हुई, वहां करीब 200 मजदूर काम कर रहे थे। कई मजदूरों के घायल होने की खबर है। इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि पहाड़ी से किस तरह मलबा नीचे की ओर आ रहा है.।

जानकारी के अनुसार, पीपलकोटी में विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की डैम साईट पर पहाड़ टूटकर गिर गया है। घटना के वक्त कई मजदूर वहां काम कर रहे थे, जिन्होंने भागकर अपनी जान बचाई है। मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। 

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बता दें कि बारिश के साथ ही साथ पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन का भी खतरा बढ़ जाता है। भूस्खलन के कारण ही केदारनाथ की यात्रा रोकी गई थी, जिसे आज से ही शुरू किया गया है। हालांकि गाड़ियों वाले रास्ते को अभी भी नहीं खोला जा सका है। 

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125 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी

बता दें कि पहाड़ी क्षेर्त्रों में भूस्खलन एक बड़ी संख्या है। हर साल कई लोगों की जान जाती है और आर्थिक नुकसान होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने उत्तराखंड में भूस्खलन से निपटने के लिए 125 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 4.5 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "यह परियोजना राज्य के आपदा-संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन का दीर्घकालिक समाधान खोजने की दिशा में एक निर्णायक पहल है।

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सीएम ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले पांच संवेदनशील स्थलों का चयन किया गया है। ये स्थान हैं हरिद्वार में मनसा देवी हिल बाईपास रोड, मसूरी में गलोगी जलविद्युत परियोजना रोड, कर्णप्रयाग, चमोली में बहुगुणा नगर भूमि-धसान क्षेत्र, नैनीताल में चार्टन लॉज और धारचूला, पिथौरागढ़ में खोतिला-घाटधार भूस्खलन क्षेत्र।


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