दीपक निर्भय/बाराबंकी
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा एक पोस्टर लगाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। एससी-एसटी आयोग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पोस्ट वायरल होने के बाद इसको लेकर हंगामा मच गया और अब इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
बाराबंकी स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर एक होर्डिंग लगाई गई थी, जिसमें बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की आधी तस्वीर काटकर उस स्थान पर अखिलेश यादव की तस्वीर लगा दी गई। इस होर्डिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया और इसे बाबा साहब का अपमान बताया गया। मामले को गंभीर मानते हुए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग ने सख्त रुख अपनाया है।
एससी/एसटी आयोग ने सपा लोहिया वाहिनी के उन नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं जिन्होंने यह होर्डिंग लगवाया था। आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने कहा कि यह डॉ. भीमराव अंबेडकर और अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों का घोर अपमान है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से 5 मई तक इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
बीजेपी का विरोध प्रदर्शन
इस विवाद के बाद भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के इस कदम से बाबा साहब का अपमान हुआ है। उन्होंने अखिलेश यादव से होर्डिंग और पोस्टर में डॉ. अंबेडकर की आधी तस्वीर का उपयोग करने को लेकर माफी मांगने की मांग की है।
यह भी पढ़ें :पहलगाम हमले पर मायावती का विपक्ष को साफ संदेश, देश के मुद्दे पर न हो घिनौनी राजनीति
वहीं लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में सुबह करीब 11 बजे बीजेपी का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों ने अंबेडकर प्रतिमा के सामने एकत्र होकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन का नेतृत्व राज्यसभा सांसद और पूर्व आईपीएस अधिकारी बृजलाल कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी द्वारा लगाए गए पोस्टर के जरिए जो संदेश देने की कोशिश की गई है, उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।