Asad Encounter in Jhansi: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में गुरुवार को माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है।
एनकाउंटर में असद का एक साथी शूटर गुलाम को भी मार गिराया गया है। इस शूटआउट में मारे गए असद और गुलाम के शवों को जांच के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज लाया गया है। ये दोनों उमेश पाल हत्याकांड के फरार आरोपी थे और दोनों के सिर पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
एनकाउंटर करने वाली टीम के ये हैं 12 पुलिस वाले
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक झांसी में यूपी एसटीएफ की 12 सदस्यों की टीम ने इस मुठभेड़ को अंजाम दिया है। एसटीएफ की टीम में डीएसपी नवेंदु कुमार, डीएसपी विमल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर ज्ञानेंद्र कुमार राय, एसआई विनय तिवारी, मुख्य आरक्षी पंकज तिवारी, मुख्य आरक्षी सोनू यादव, मुख्य आरक्षी सुशील कुमार, मुख्य आरक्षी सुशील कुमार, मुख्य आरक्षी भूपेंद्र सिंह, कमांडो अरविंद कुमार और कमांडो दिलीप कुमार यादव शामिल रहे।
48 दिनों से फरार था असद, मुठभेड़ में चलीं 42 गोलियां
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस सूत्रों ने बताया कि उमेश पाल की हत्या के बाद असद अहमद लखनऊ भाग गया था। बाद में वह दिल्ली पहुंचने से पहले कानपुर और फिर मेरठ गया। उमेश पाल हत्याकांड के बाद 48 दिनों तक फरार रहा असद मध्य प्रदेश भागने की योजना बना रहा था। इसके लिए वह झांसी पहुंचा और बाइक से राज्य की सीमा की ओर जा रहा था, तभी पुलिस ने उसे रोक लिया। बताया गया है कि पुलिस के रोकते ही उसने फायरिंग कर दी।
वहीं मुठभेड़ के बारे में जानकारी साझा करते हुए पुलिस ने कहा कि डीएसपी रैंक के दो अधिकारियों के नेतृत्व में 12 लोगों की एक टीम ने अभियान चलाया। झांसी के बबीना रोड पर हुई मुठभेड़ के दौरान कुल 42 राउंड फायरिंग की गई।
एडीजी एसटीएफ बोले- चुनौतीपुर्ण मामला था
यूपी एसटीएफ की ओर से कहा गया है कि दोनों के पास से एक ब्रिटिश बुलडॉग रिवाल्वर .455 बोर और वाल्थर पी88 7.63 बोर पिस्तौल भी बरामद की गई। वहीं झांसी में एनकाउंटर के बाद एडीजी यूपी एसटीएफ अमिताभ यश ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण मामला था। इन दो अपराधियों (असद और गुलाम) का खात्मा एक बड़ी सफलता है।
एडीजी कानून व्यवस्था ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
वहीं उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि हमारे पास जानकारी थी कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में आरोपी अतीक और अशरफ को भगाने में मदद करने के लिए पुलिस के काफिले पर हमला हो सकता है। इस सूचना के मद्देनजर सिविल पुलिस और विशेष बलों की टीमों को तैनात किया गया था।
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