Seat Sharing Talks Failed Between Congress And Samajwadi Party In Uttar Pradesh : आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंजाब में अरविंद केजरीवाल के अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किए जाने के बाद लोगों की निगाह उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन पर लगी हुई थीं। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि यह गठबंधन भी खत्म हो गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश की लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है और अब ऐसा हो पाने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं।
तीन सीटों पर फंसा हुआ है पेच
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार देर रात दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत पर विराम लग गया। इसके पीछे का अहम कारण मुरादाबाद डिविजन की तीन अहम सीटों को लेकर दोनों दलों का रुख रहा। दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही थी। दोनों ही पक्षों की ओर से इसे लेकर सकारात्मक रुख भी देखने को मिला था। लेकिन अब तस्वीर कुछ और ही बनी है। दोनों ही पार्टियां पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस का दावा, सबकुछ ठीक
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दावा किया है कि सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर चल रही बातचीत अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सपा के साथ हमारा गठबंधन बना हुआ है। हम सीट बंटवारे को लेकर वार्ता के आखिरी दौर में हैं। आने वाले कुछ दिनों के अंदर इसका ऐलान भी कर दिया जाएगा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने सपा से बिजनौर लोकसभी सीट की मांग की थी, लेकिन अखिलेश यादव इसके लिए तैयार नहीं थे।
अखिलेश ने क्या दिया है ऑफर
अखिलेश यादव ने सोमवार को कांग्रेस के सामने अंतिम ऑफर रखा था। इसमें उन्होंने कांग्रेस को प्रदेश की 17 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने की पेशकश की थी। बता दें कि इससे पहले सपा ने कांग्रेस से केवल 11 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कहा था। दोनों दलों के बीच बलिया, मुरादाबाद और बिजनौर की सीटों पर सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस इन तीन सीटों की मांग भी कर रही है और सपा इन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।