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2027 चुनाव के लिए अखिलेश की बड़ी तैयारी, जनेश्वर मिश्र के जरिए साधेंगे ब्राह्मण वोट बैंक, सितंबर से पीडीए पंचायत

Akhilesh Yadav PDA Panchayat on District and Tehsil Level: समाजवादी पार्टी 5 अगस्त को बड़े जोर शोर से पार्टी के पुरोधा जनेश्वर मिश्र का बर्थडे बनाएगी। इसके साथ ही सितंबर महीने से जिला स्तर पर पीडीए पंचायत का आयोजन किया जाएगा। जिला के बाद पार्टी तहसील स्तर पर पीडीए पंचायत का आयोजन करेगी।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव (एएनआई)
Akhilesh Yadav PDA Panchayat on District and Tehsil Level: लोकसभा चुनाव में मिली शानदार सफलता के बाद समाजवादी पार्टी ने ओबीसी, दलित वोटरों के साथ ब्राह्मण समुदाय को भी साधने की तैयारी कर ली है। सितंबर महीने में समाजवादी पार्टी जिला स्तर पर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) पंचायत का आयोजन करने जा रही है। जिला स्तर के बाद पार्टी तहसील स्तर पर पीडीए पंचायत का आयोजन करेगी। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की कोशिश विधानसभा चुनाव 2027 से पहले अपने समीकरणों को मजबूत बनाने की है। अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद उत्साहित हैं और वे पीडीए को आम जनता के बीच पहुंचाने के लिए लगातार अपने दांव चल रहे हैं। ये भी पढ़ेंः SP सांसद का करीबी, 50 करोड़ प्रॉपर्टी, अवैध धंधे; कौन है अयोध्या गैंगरेप केस का आरोपी?

जोर-शोर से जनेश्वर मिश्र का जन्मदिन मनाएगी सपा

अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के पुरोधा स्व. जनेश्वर मिश्र का जन्मदिन भी जोर-शोर से मनाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी जनेश्वर मिश्र का 5 अगस्त को जन्मदिन पड़ता है। समाजवादी पार्टी ने कार्यकर्ताओं को इस संबंध में विशेष निर्देश दिए हैं। जाहिर है कि अखिलेश यादव की कोशिश ब्राह्मण वोटरों को अपने पक्ष में साधने की है। जनेश्वर मिश्र के जन्मदिन के जरिए अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वह पीडीए और सवर्ण सियासत में संतुलन बिठाने की कोशिश कर रहे हैं। सपा सुप्रीमो की कोशिश 2027 के विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत वोट हासिल करने की है। हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 33.59 प्रतिशत वोट मिले थे। संसदीय सीटों के लिहाज से सपा यूपी में सबसे बड़ी पार्टी है। ये भी पढ़ेंः मायावती ने की यूपी सरकार की तारीफ, अखिलेश यादव से कर डाले तीखे सवाल?

माता प्रसाद पांडेय को बनाया नेता प्रतिपक्ष

ब्राह्मण वोटरों को साधने की अखिलेश की कोशिशों को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर माता प्रसाद पांडेय की नियुक्ति के तौर पर भी देखा गया है। सदन में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए शिवपाल सिंह यादव की भी दावेदारी थी, लेकिन अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडेय पर दांव खेला। वहीं ओबीसी वोटरों को साधने के लिए सपा सुप्रीमो ने लोकसभा में बाबू सिंह कुशवाहा को उपनेता बनाया है। अखिलेश स्वयं लोकसभा में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बाबू सिंह कुशवाहा के जरिए अखिलेश ने कुर्मी समुदाय के वोटरों को साधा है।

लोकसभा चुनाव में पीडीए को दी प्राथमिकता

लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपने समाज के उम्मीदवारों की गिनती भर के टिकट दिए। मुस्लिम समुदाय के भी बहुत उम्मीदवार मैदान में उतारे। हालांकि दलित और पिछड़े वर्ग के अन्य समाज को टिकट बांटने में पूरी तरजीह दी। लोकसभा चुनाव के जब परिणाम आए तो समाजवादी पार्टी ने 37 सीटों पर जीत हासिल की। अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रदर्शन का श्रेय पीडीए को दिया। सपा सुप्रीमो की कोशिश अब पीडीए के साथ ब्राह्मण वोटरों को जोड़ने की है। ताकि विधानसभा चुनाव से पहले वह पीडीए+ब्राह्मण का समीकरण बना सकें और 2017, 2022 में लगातार मिली हार के क्रम को तोड़ सकें।


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