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Teachers’ Day 2022: 400 बच्चों को मानव तस्करी के दलदल से कराया मुक्त, अब शिक्षक को मिलेगा राष्ट्रपति से सम्मान

Teachers’ Day 2022: शिक्षक किसी के भी जीवन की नींव होते हैं। छात्र का जीवन अपने शिक्षकों से काफी प्रभावित होता है। शिक्षक ना केवल महत्वपूर्ण मूल्य और सलाह देते हैं बल्कि अपने छात्रों की जिंदगी में आगे के विकास में सहायता करते हैं। भारत हर साल 5 सितंबर को देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. […]

Durgaram Muwal will be honored on Teacher's Day
Teachers’ Day 2022: शिक्षक किसी के भी जीवन की नींव होते हैं। छात्र का जीवन अपने शिक्षकों से काफी प्रभावित होता है। शिक्षक ना केवल महत्वपूर्ण मूल्य और सलाह देते हैं बल्कि अपने छात्रों की जिंदगी में आगे के विकास में सहायता करते हैं। भारत हर साल 5 सितंबर को देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वोपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है। इसी मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय उन टीचर्स को सम्मानित कर रहा है जिन्होंने अपने क्षेत्र में शिक्षा के अलख जगाने के साथ सामाजिक बदलाव की नींव रखी। शिक्षा का राष्ट्रपति अवार्ड मिलने वाले शिक्षकों में दो नाम राजस्थान से भी हैं जिनमें उदयपुर के दुर्गाराम मुवाल और बीकानेर की सुनीता गुलाटी हैं जिनको राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू सम्मानित करेंगी। मानव तस्करी के लिए बदनाम दक्षिण राजस्थान-गुजरात सीमा पर बच्चों को बालश्रम में धकेल कर उनकी जिंदगी बचपन में ही छीन ली जाती है। ऐसे ही कई बच्चों को मानव तस्करी के दलदल से मुक्त कराने का काम किया है नागौर के शिक्षक दुर्गाराम मुवाल ने, जिनको अब राष्ट्रपति सम्मानित करने जा रही हैं। दुर्गाराम मेवाल मूलतः नागौर के रहने वाले हैं और उदयपुर में फलासिया पंचायत समिति के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पारगियापाडा स्कूल में कार्यरत हैं। दुर्गाराम ने उदयपुर के आदिवासी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि नियमित तौर पर आने वाले कुछ बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया। जब उन्होंने बच्चों के बारे में जानने की कोशिश की तो पता चला कि बच्चों को गुजरात सीमा पर बालश्रम के लिए भेज दिया गया है। इसके बाद दुर्गाराम ने बालश्रम के खिलाफ गांव में जागरूकता अभियान चलाया और कई घरों में जाकर बच्चों में पढ़ने की अलख जगाई। दुर्गाराम मानव तस्करी के बारे में सूचनाएं जुटाकर बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाने का काम शुरू किया। बताया जाता है कि अब तक दुर्गाराम ने 400 बच्चों को मानव तस्करी के नरक से मुक्त करवाया है जिसमें 250 से अधिक लड़कियां भी शामिल हैं। वहीं यह सभी बच्चे गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और राजस्थान के विभिन्न जिलों से मुक्त करवाए गए हैं।


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