पश्चिम बंगाल में 3 बुजुर्गों की मौत चर्चा का विषय बन गई है और इसके पीछे की वजह है विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR). बंगाल के अलग-अलग जिलों में सुनवाई को नोटिस मिलते ही तीन बुजुर्गों की मौत हो गई. उनके परिवार ने चीफ इलेक्शन कमीशनर (CEC) ज्ञानेश कुमार और बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) मनोज अग्रवाल को दोषी करार देते हुए पुलिस में FIR दर्ज करवाई है. परिवार का कहना है कि SIR को लेकर जारी नोटिस की वजह से तीनों बुजुर्ग टेंशन में थे. पुरुलिया के रहने वाले 82 साल के दुर्जन माझी को सोमवार को सुनवाई के लिए बुलाया था. उनके बेटे का आरोप है कि उनके पिता का नाम 2002 की मतदाता सूची में शामिल था, लेकिन इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट से उनका नाम गायब था, इसी वजह से दुर्जन माधी को आयोग की तरफ से नोटिस भेजा गया था. उनके बेटे ने कहा कि नोटिस मिलते ही वो इतने परेशान हो गए कि उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया.
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