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Patra Chawl Case: शिवसेना नेता संजय राउत की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ाई गई

Patra Chawl Land Scam Case: पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले 4 अक्टूबर को मुंबई की एक विशेष अदालत ने शिवसेना नेता की न्यायिक हिरासत 10 अक्टूबर तक बढ़ाई थी। राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1 अगस्त को […]

Patra Chawl Land Scam Case: पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले 4 अक्टूबर को मुंबई की एक विशेष अदालत ने शिवसेना नेता की न्यायिक हिरासत 10 अक्टूबर तक बढ़ाई थी। राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1 अगस्त को उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में गिरफ्तार किया था। ईडी के अधिकारियों ने 31 जुलाई को शिवसेना नेता के घर पर छापा मारा और कई घंटों तक हिरासत में रखने और पूछताछ करने के बाद उन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया था। अभी पढ़ें - सीएम गहलोत पहुंचे सरदारशहर, पंडित भंवरलाल शर्मा की अंत्येष्टि में होंगे शामिल 28 जून, 2022 को राउत को 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच एजेंसी द्वारा तलब किया गया था। अगस्त में शिवसेना सांसद की पत्नी को भी एजेंसी ने पात्रा चॉल जमीन मामले में तलब किया था। अभी पढ़ें - सचिन पायलट का कोटा पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत, यहां से खुली जीप में सवार होकर जाएंगे झालावाड़ ईडी के अधिकारियों द्वारा शिवसेना नेता के घर पर छापेमारी के बाद सांसद की पत्नी वर्षा राउत को केंद्रीय एजेंसी ने तलब किया था और उन्हें (संजय राउत) को कई घंटों तक हिरासत में रखने और पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार किया था। सूत्रों के मुताबिक, ईडी अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान उनके आवास से 11.50 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की। ईडी के अधिकारियों द्वारा पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में उन्हें हिरासत में लेने के तुरंत बाद शिवसेना नेता ने कहा कि वह डरपोक नहीं हैं।

क्या है पात्रा चॉल भूमि घोटाला

पात्रा चॉल घोटाला मुंबई के उपनगरीय इलाके गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर का है। यह इलाका पात्रा चॉल के नाम से लोकप्रिय है। यह 47 एकड़ में फैला है, जिसमें कुल 672 घर हैं। इसी पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में धांधली के मामले की जांच अब ईडी के हाथों में है। पुनर्वास का ठेका गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (GACPL) को दे दिया था। लेकिन, 14 साल बाद भी लोगों को घर नहीं मिला है। अभी पढ़ें - प्रदेश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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